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रात मे गूँजती कैलाश पर्वत के आसपास डमरू और ओम की आवाजें

 तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत का हिंदू धर्मग्रंथों में विशेष उल्लेख है कैलास पर्वत को ईश्वर का निवास जगह बोला जाता है, जहां वह अपने पूरे परिवार के साथ निवास करते हैं इस पर्वत से कई रहस्य जुड़े हुए हैं लोगों का मानना ​​है कि यहां कई करिश्मा होते हैं इस पर्वत पर आज तक कोई भी नहीं चढ़ पाया है हिंदू मान्यताओं के मुताबिक ईश्वर शिव आज भी अपने परिवार के साथ कैलास पर्वत पर निवास करते हैं इनके साथ ही कई देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों का निवास जगह भी है, जिसके कारण कोई आम आदमी वहां नहीं जा सकता कैलाश पर्वत पर चढ़ने के लिए एक विशेष सिधू की जरूरत होती है इस पर्वत पर सिर्फ़ वही आदमी जीवित चढ़ सकता है जिसने कभी कोई पाप न किया हो कैलास पर्वत पर अब चढ़ने की मनाही है, लेकिन जिन लोगों ने अतीत में पर्वत पर चढ़ने की प्रयास की है वे असफल रहे हैं

डमरू और ओम की आवाज गूंज उठी

स्थानीय लोगों का बोलना है कि कैलाश पर्वत के आसपास डमरू और ओम की आवाजें सुनाई देती हैं यहां आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को भी यह आवाज सुनाई देती है ये आवाजें कहां से आती हैं यह एक रहस्य है हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह आवाज हवा के पहाड़ पर उपस्थित बर्फ से टकराने के कारण होती है पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक कैलास पर्वत एक अलौकिक शक्ति का निवास जगह है यहाँ सेवक आत्मायें रहती हैं इसे स्वर्ग का द्वार भी बोला जाता है आज भी यहां कई तपस्वी तपस्या करते हैं, संकट से बचने के लिए कोई भी ऊपर नहीं जा सकता यदि कोई ऊपर चढ़ने की प्रयास भी करता है तो कोई न कोई बाधा आ ही जाती है, नहीं तो उसकी मृत्यु हो जाती है

कैलाश पर्वत बौद्ध और जैन धर्म का भी पवित्र जगह है

कैलाश पर्वत हिंदुओं के अतिरिक्त बौद्धों और जैनियों का भी धार्मिक स्थल है जैन धर्म में इस क्षेत्र को अष्टापद बोला जाता है जबकि बौद्ध धर्म के अनुयायी इसे बुद्ध का निवास जगह मानते हैं बुद्ध के डेमचोक रूप ने कैलाश पर्वत से निर्वाण प्राप्त किया कैलाश पर्वत की धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए चीन गवर्नमेंट ने इस पर चढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है

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