लाइफ स्टाइल

क्रायोथेरेपी करने से स्किन को होते है ये फायदे

अगर आप भी मांसपेशियों की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में आपको चिकित्सक से क्रायोथेरेपी के बारे में बात करना चाहिए बता दें कि इस थेरेपी का इस्तेमाल शरीर की मांसपेशियों के खिंचने और ऊतकों के कमजोर होने पर किया जाता है इस थेरेपी में आदमी को काफी कम तापमान में रखा जाता है इसको आइस पैक थेरेपी या क्रायो सर्जरी के नाम से भी जानते हैं

क्रायोथेरपी के जरिए मसे, तिल, सनबर्न जैसी स्किन की समस्याओं का भी उपचार किया जाता है हॉलीवुड की ज्यादातर अभिनेत्रियां जवां बने रहने तथा स्किन को बेदाग रखने के लिए क्रायोथेरेपी का इस्तेमाल करती हैं आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्रायोथेरिपी से कैसे होता है और इसको करने के क्या लाभ होते हैं

क्रायोथेरेपी 

बता दें कि इस थेरेपी में शरीर को बिल्कुल से ठंडा किया जाता है जिससे शरीर की सारी गर्मी और जलन निकल जाए इस थेरेपी से खून की नसें सिकुड़ने के बाद धीरे-धीरे फैलने लगती हैं इस थेरेपी को आप ठीक उसी तरह समझ सकते हैं, जैसे शरीर के किसी हिस्से पर चोट लग जाने से बर्फ से सिकाई की जाती है क्रायोथेरेपी करने के लिए एक ठंडे चैंबर में सिर के हिस्से को छोड़कर बाकी पूरे शरीर को रखा जाता है

स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है जरूरी

इस दौरान चेंबर का तापमान माइनस 150 डिग्री सेल्सियस होता है क्रायोथेरेपी में चेंबर को ठंडा करने के लिए नाइट्रोजन का सहारा लिया जाता है वहीं सिर्फ़ एक अंडरवियर और अच्छी गुणवत्ता वाल मोजे पहनकर चेंबर में जाना होता है इस थेरेपी को पूरा करने के लिए 30 सेकेंड से लेकर 3 मिनट तक चेंबर में रहना होता है फिर इसके पूरा होने के बाद आपको स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करनी होती है जिससे कि संचार वाहिकाओं में सुचारु रूप से रक्त चलने लगे

क्रायोथेरेपी करते समय सावधानियां

हांलाकि भले ही यह थेरेपी सुनने में आपको सरल लग रही हो, लेकिन बता दें कि इसको करने से पहले कुछ सावधानियों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है

इस थेरेपी को करने से पहले आपको तरल पदार्थ से दूर रहने की राय दी जाती है

क्योंकि तरल पदार्थ के त्वचा पर जमने से ठंड से जलने की संभावना रहती है

क्रायोथेरेपी को करने से पहले शरीर को अच्छे से सुखा लेना चाहिए

दिल से जुड़ी बीमारी, अस्थमा, हाई या लो ब्लड प्रेशर, बुखार या जख्म आदि होने पर क्रायोथेरेपी नहीं लेनी चाहिए

प्रेग्नेंट स्त्रियों को इस थेरेपी से दूर रहना चाहिए

हाइपोथर्मिया या कंपकपाहट होने पर फौरन इस थेरेपी को बंद कर देना चाहिए

Related Articles

Back to top button