बीमारियों से बचाएं ये इम्यूनिटी बूस्टर भुने चने
इंसान हजारों वर्ष से चने खा रहा है। करीब 11 हजार वर्ष पहले इराक, ईरान और तुर्की में चने की खेती प्रारम्भ हुई। तुर्की में साढ़े 7 हजार वर्ष पहले चने के अवशेष मिले हैं। लेकिन, हिंदुस्तान में चने की खेती प्रारम्भ होने में हजारों वर्ष और बीत गए। करीब 5 हजार वर्ष पहले हिंदुस्तानियों ने चना खाना प्रारम्भ किया। राजस्थान, महराष्ट्र से लेकर यूपी-बिहार तक चने के 4 से 5 हजार वर्ष पुराने अवशेष पाए गए हैं।
पुराणों में भी चने का उल्लेख है। कौटिल्य ने इसकी खेती का तरीका कहा है। संस्कृत में इसे चणक और हरिमन्थ बोला गया और उर्दू में इसे ‘बूट’ नाम मिला, तो बंगाली चने को ‘बूटकलाई’ कहते हैं। वनस्पतियों की ‘फैबेसी’ फैमिली से जुड़ा चना शीशम, सोयाबीन के साथ ही मूंग, मसूर, अरहर जैसी दालों का सम्बन्धी भी है। फैबेसी फैमिली में वनस्पतियों की 1250 प्रजातियां पाई जाती हैं।
बीमारियों से बचाएं इम्यूनिटी बूस्टर भुने चने
झटपट स्नैक्स के तौर पर सदियों से लोग भुने चने खाते रहे हैं। गुड़, नमक-मिर्च के साथ खाए जाने वाले भुने चने में प्रोटीन, फोलेट, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं। आयुर्वेद में चने का इस्तेमाल दवा के तौर पर होता रहा है। इसे खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है। जबकि, लंबे समय तक इसका सेवन शरीर को ताकत देता है।
फॉस्फोरस, मैग्निशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर भुना चना इम्यूनिटी बूस्टर से कम नहीं। यह पाचन तंत्र को हेल्दी रखता है, इम्यूनिटी बढ़ाकर इंफेक्शन और रोंगों से बचाता है। सर्दी-जुकाम और बुखार में भी भुने चने लाभ वाला माने जाते हैं।
सेक्शुअल लाइफ सुधारे, प्रेग्नेंट स्त्रियों के लिए भी फायदेमंद
रोज सुबह भुने चने खाने से मर्दों की कमजोरी दूर होती है। स्पर्म काउंट बढ़ता है और सीमेन क्वॉलिटी सुधरती है। सेक्शुअल लाइफ बेहतर बनती है। स्त्रियों के लिए भी भुने चने बहुत लाभ वाला हैं। गुड़ और चना दोनों ही आयरन से भरपूर होते हैं और एनीमिया से बचाने में कारगर माने जाते हैं। इसमें प्रोटीन भी पर्याप्त मात्रा में होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान खाने के लिए यह सबसे हेल्दी स्नैक्स माने जाते हैं।
भुने चने नयी कोशिकाओं के निर्माण और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मददगार हैं। इसलिए बच्चों और प्रेग्नेंट स्त्रियों को नियमित तौर पर चने भूनकर खाने चाहिए। कमर दर्द से परेशान हैं, तो रोज एक मुट्ठी चने भूनकर खाने प्रारम्भ कर दें, जल्द ही असर दिखाई देगा और इसमें उपस्थित प्रोटीन दर्द को छूमंतर कर देगा।
सर्दियों में भुने चने खाएं, जोड़ों के दर्द से राहत पाएं
चनों को भूनकर खाली पेट खाने से खून साफ होता है, शरीर में उपस्थित जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं। आयरन की वजह से हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ता है और त्वचा निखर जाती है। ब्लड क्वॉलिटी सुधरने से कील-मुहांसे की परेशानी से भी छुटकारा मिल जाता है।
चनों में उपस्थित विटामिन-सी, बीटा-कैरोटीन आंखों के लिए भी लाभ वाला है। NCBI के अनुसार भुने चने मैंगनीज, कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों को स्वस्थ और फौलादी बनाते हैं। जोड़ों का दर्द, हड्डियों की कमजोरी दूर होती है। ऑस्टियोपोरोसिस से बचाने में भी ये मददगार हैं।
दिल बने मजबूत, हाई बीपी-डायबिटीज रहे दूर
भुने चनों में उपस्थित विटामिन-बी6, फोलेट और कॉपर जैसे मिनरल्स और विटामिन्स कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करते हैं, ब्लड सर्कुलेशन सुधारते हैं। जिससे दिल की रोंगों का खतरा कम होता है। हॉर्मोंस को बैलेंस रखता है और स्त्रियों को ब्रेस्ट कैंसर से भी बचाता है। चना ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। भुने चने शरीर में ग्लूकोज नहीं बढ़ने देते। मेटाबोलिज्म प्रक्रिया तेज करते हैं।
हाई बीपी के रोगियों के लिए भी भुने चने लाभ वाला माने जाते हैं। भुने हुए चने फाइबर का अच्छा सोर्स होते हैं। इन्हें खाने से पेट अच्छे से साफ होता है, कब्ज की परेशानी दूर होती है। अपच और मरोड़ में भी राहत मिलती है। मोटापे की परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए भी इनका नियमित सेवन काफी मददगार साबित हो सकता है।