प्रेगनेंसी में होने वाले दर्द से राहत पाने में बेहद फायदेमंद हैं यह योगासन
ऋषिकेश:योग हमें शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह से फायदा करता है। ये सभी बिमारियों में असरदार साबित होता है। वहीं योग सिर्फ़ शारीरिक बीमारी या फिर मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए नहीं किया जाता बल्कि अच्छे स्वास्थ्य और साथ ही प्रेग्नेंसी में भी योग असरदार साबित होता है। वहीं हम आपको कुछ ऐसे योग आसनों के बारे में बताएंगे जोकि प्रेगनेंसी में होने वाले दर्द से राहत पाने में आपके काम आएंगे।
ऋषिकेश योग केंद्र की सह संस्थापक और योग ट्रेनर नेहा ठाकुर बताती हैं कि योग सिर्फ़ प्रेगनेंसी के 9 महीनों में ही नहीं बल्की उससे पहले और उन 9 महीनों के बाद तक किया जाता है जिसे प्रीनाटल और पोस्टनाटल योगा बोला जाता है। योग की आरंभ तभी से हो जाती है जब एक स्त्री प्रेगनेंट होने का फैसला लेती है और ये लगभग बच्चा हो जाने के 6 महीने बाद तक किया जाता है ताकी स्त्रियों को आम तौर पर होने वाले दर्द और बाकी दिक्कतों से राहत मिल सकें। वे बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दिनों में ये तीन योगासन काफी असरदार साबित होते हैं।
तितली आसन
प्रेग्नेंसी के दिनों में इस अभ्यास से बच्चे को पोषण देने के लिए गर्भाशय में रक्त की आपूर्ति में सहायता करता है। इस योगासन को करने के लिए बिस्तर पर सीधा बैठकर दोनों पैरों के घुटनों को अंदर की तरह मोड़ें।अब पैरों के दोनों तालों को आपस में जोड़े और दोनों हाथों से पैरों को पकड़ लें। अब अपनी जांघों को हिलाएं। इसे बटरफ्लाई पोज भी बोला जाता है।
त्रिकोणासन
इस योगासन के अभ्यास से गर्भाशय में रक्त की आपूर्ति होती है और डिलीवरी के समय परेशानी नहीं होती। इस योगाभ्यास को करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं फिर पैरों के बीच थोड़ी दूरी बना लें और गहरी सांस लेते हुए अपने शरीर को दाएं ओर को झुकाएं, फिर अपने बाएं हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं और अपनी नजरें ऊपर की ओर रखे।
मलासन
इस योगाभ्यास को करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाए और फिर अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें। उसके बाद अपने हाथों को जोड़ ले और धीरे से नीचे बैठें। अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। अपनी दोनों कोहनियों को अपने जांघों के बीच करीब 90 डिग्री के एंगल पर ले जाएं।