मंदिर में प्रवेश करने से पहले इस वजह से बजाई जाती है घंटी
पुराणों के मुताबिक मंदिर में घंटी बजाने से आदमी के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसा बोला जाता है कि सृष्टि के शुरुआत के समय जो ध्वनि सुनाई देती थी वही ध्वनि घंटी बजाने पर भी सुनाई देती है। इसीलिए मंदिर में प्रवेश करने से पहले घंटी बजाई जाती है। और इसीलिए मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक घंटी भी लगाई जाती है। इसलिए देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है।
इसके अतिरिक्त मंदिर के बाहर लगी घंटी को समय का प्रतीक भी माना जाता है। संतों के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि जब धरती पर प्रलय आएगा तो घंटी बजने जैसी आवाज भी सुनाई देगी।
आपको बता दें कि मंदिरों में घंटी बजाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण दूर तक जाता है। इस कंपन की सीमा में आने वाले सभी बैक्टीरिया, वायरस और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे मंदिर और उसके आसपास का वातावरण सही हो जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जहां प्रत्येक दिन घंटी की आवाज सुनाई देती है, वहां का वातावरण हमेशा पवित्र और पवित्र रहता है। यह भी माना जाता है कि घंटी बजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और आदमी के जीवन में सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं।