न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए बेस्ट है ये लोकेशन
नए वर्ष की आरंभ होने को कुछ दिन हीं बचा है।ऐसे में इतिहास में आप रुचि रखते है तो झारखंड में कई ऐसे ऐतिहासिक धरोहर है जहां घूमने आपको जाना चाहिए। पिकनिक मनाने के लिए आप निश्चित हीं जंगल, पहाड़, झील, नदी और तालाब के किनारे जाने का प्लान बनाते होंगे।इस रिपोर्ट में हम आपको ऐसे स्थान के बारे में बताने जा रहे है।जो की जंगल पहाड़ नदी से घिरा जगह है।है वर्ष सैकड़ों लोग यह. पिकनिक मनाने पहुंचते है।
पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 25 किलोमीटर दूर रबदा गांव के फुलवरिया टोला औरंगा नदी के तट पर है।जहां हर वर्ष सैंकड़ों लोग पिकनिक मनाने आते है। यह नदी का किनारा प्रकृति की मनोरम दृश्य के बीच लोग मनोरंजन करते है। यहां सैकड़ों साल पुराना शिव मंदिर है। वहीं इस जगह पर पर राजा मेदिनीराय की प्रतिमा भी स्थापित है।नदी के उस पर पहाड़ी पर पलामू किला नजर आता है।जो लोगों को अपनी ओर बुलाता है। इसी किले से राजा मेदिनी राय शासन करते थे। पलामू में दो दुर्ग हैं ये वर्तमान समय में कुछ जर्जर हालत में है, लेकिन ये आज भी इस क्षेत्र के लोगों के लिए शान हैं। जो की पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र भी है। पहाड़ी आर नया किला है ।जिसे राजा मेदिनीराय ने बनवाया था।वहीं पुराना किला भी चेरो राजवंश द्वारा बनवाया गया था।
लोगों को खूब रोमांचित करता है ये जगह
स्थानीय निवासी अवधेश सिंह चेरो ने लोकल18 से बोला कि यहां जनवरी से मार्च तक पर्यटकों की भिड़ रहती है। इस किले को देखने बिहार, झारखंड, यूपी से लोग घूमने आते है। यहां लोगों को औरंगा नदी के तट पर दो किले देखने को मिलते है। जो लोगों को पलामू के इतिहास से जुड़ी कई बातों के सबूत देते है। इस किले पर चेरो राजवंश के कई राजा राज किए।लेकिन राजा मेदिनी राय का कालखंड स्वर्णिम रहा। जो लोगों के लिए मधुर भाषी थे। यहां लोगों को शाहपुर किला तक गुप्त रास्ता, राजा रानी द्वार पानी भरने की जगह, स्नान के स्थान, समेत एक गुप्त रास्ता जो की पलामू किला से शाहपुर किला तक देखने को मिलता है।यहां सबसे अधिक स्कूली बच्चे आते है। यहां घूमने आते है।ये जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए भी बहुत खास है।
ऐसे पहुंचे
पलामू किला तक आने के लिए दो रास्ते है।पहला पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से 25 किलोमीटर दूर सतबरवा से फुलवरिया गांव औरंगा नदी के तट पर जाता है।जोकि सतबरवा चौक एन एच 39 से 5 किलोमीटर बाईं ओर जाता है।राजा का पहला किला मैदानी क्षेत्र में है।वहीं दूसरा पहाड़ी पर स्थित है।जहां औरंगा नदी पार कर शैलानी पहुंचते है।वहीं बेतला नेशनल पार्क से तीन किलोमीटर पूर्व की ओर जाना पड़ता है।यहां आप ऑटो, कैब बुक कर और निजी गाड़ी से पहुंच सकते है।बता दें की पुराना किला 3 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।इस लिंक पर क्लिक कर यहां सरलता से पहुंच सकते हैं।