जमीन में पैदा होने वाली दीमक को खत्म कर देता है यह पौधा
सहारनपुर: सहारनपुर के दिल्ली रोड स्थित प्रकृति कुंज हर्बल वाटिका में विभिन्न प्रकार के फल, फूल और औषधीय पौधे लगे हुए हैं। इस वाटिका में एक ऐसा पौधा भी है, जो दीमक जैसी विध्वंसक कीट को खत्म कर देता है और औषधीय रूप से कई रोंगों के लिए यह पौधा गुणकारी भी होता है। किसानों की फसल, पेड़ पौधे, घरों में रखी किताबें, दरवाजे और अन्य सामान को दीमक नष्ट कर देती है। लेकिन रामरस के नाम से मशहूर इस पौधे को लगाने से काफी दूर तक दीमक जैसी रोग नष्ट हो जाती है।
सहारनपुर में स्थित प्रकृति कुंज प्रांगण के अध्यक्ष आचार्य राजेन्द्र अटल ने कहा कि दीमक एक ऐसी विध्वंसक रोग है, जिससे किसानों के कीमती फल के पेड़ और अन्य फसलें बर्बाद हो जाती हैं। दीमक से बचाव के लिए किसान अपनी जमीन में विभिन्न जहरीली दवाइयों का छिड़काव करते हैं, लेकिन उससे कुछ फीसदी ही फायदा मिलता है। जहरीली पेस्टीसाइड डालने से जमीन पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
दीमक को जमीन से समाप्त करने की रखता है ताकत
आचार्य ने कहा कि घर मे लगे लकड़ी के दरवाजे, दीवारें, और लाइब्रेरी में रखी पुस्तकों को भी दीमक नष्ट कर देता है। उन्होंने कहा कि रामरस नामक पौधा दीमक को जमीन से समाप्त करने की ताकत रखता है। आचार्य जी ने कहा कि रामरस का पौधा ज़मीन में लगाने से करीब 20 मीटर तक की दूरी तक जमीन में पैदा होने वाली दीमक को समाप्त कर देता है। रामरस पौधा दीमक के लिए विध्वंसक सिद्ध होता है।
बहुत गुणकारी है रामरस का पौधा
आचार्य राजेन्द्र अटल ने कहा कि रामरस पौधा जहां दीमक जैसी रोग के लिए बहुत अच्छा उपचार है, वहीं इस पौधे में औषधीय गुण भी उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि आदमी के शरीर मे गांठ, बन जाती है। रामरस पौधे के नियमानुसार सेवन करने से इस रोग का अंत हो जाता है। इसके अतिरिक्त रक्त सम्बन्धी विकारों के उपचार के लिए भी रामरस पौधा रामबाण औषधि है। आचार्य जी ने कहा कि श्रीराम जैसे ही इस पौधे में गुण बसे हुए हैं, इसलिए इसका नाम भी रामरस है। उन्होंने कहा कि प्रकृति में विभिन्न प्रकार के पौधे हैं, जो शरीर की रोग के लिए औषधि हैं, दूसरी ओर जमीन के अंदर पनपने वाली कई रोंगों को जड़ से समाप्त भी करते हैं।