इस बार माघ महीने की गुप्त नवरात्रि आज से आरम्भ
साल में 4 बार नवरात्रि आती हैं। दो बार गुप्त नवरात्रि और दो बार सामान्य नवरात्रि रखी जाती है। इस बार माघ महीने की गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी मतलब आज से आरम्भ होने जा रही है तथा इनका समाप्ति 18 फरवरी को होगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक, गुप्त नवरात्रि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक चलती है। इस दौरान महाविद्या के 10 स्वरूपों का पूजन किया जाता है। वही सनातन धर्म में 10 महाविद्याओं को दस दिशाओं की स्वामिनी माना गया है। आइए आपको बताते हैं इन 10 महाविद्याओं के बारे में…
दस महाविद्याएं:-
प्रथम महाविद्या मां काली:-
मां काली की पूजा सब संकटों से उभरने के लिए की जाती है। मां काली का रूप बहुत ही गुस्से वाला है। जितनी शीघ्र वो क्रोधित होती हैं, उतनी ही शीघ्र प्रसन्न भी हो जाती हैं। सच्चे मन से इनकी पूजा करने से हर प्रकार के दुश्मनों से निजात प्राप्त होता है।
मां को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए- ॐ हृीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।।
दूसरी महाविद्या मां तारा:-
देवी तारा को तांत्रिकों की मुख्य देवी माना जाता है। इन्हें सफेद तारा या नील तारा भी बोलते हैं। तिब्बत में माता तारा का विशेष जगह है।
मां को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप करें- ऊँ ह्रीं स्त्रीं हुं फट् ।।
तीसरी महाविद्या मां त्रिपुरसुंदरी-
अगर कोई आदमी गुप्त रूप से मां त्रिपुरासुंदरी की पूजा करता है, उन्हें भोग एवं मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है। माता त्रिपुरा सुंदरी की चार भुजा और 3 नेत्र हैं।
मां को खुश करने के लिए इस मंत्र का जाप करें- ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः ।।
चौथी महाविद्या मां भुवनेश्वरी:-
मां भुवनेश्वरी की पूजा करने से संतान की चाह वाले दंपत्तियों की ख़्वाहिश पूरी हो जाती है। इन्हें माता भुवनेश्वरी को शताक्षी एवं शाकम्भरी भी बोलते हैं।
मां को खुश करने के लिए इस मंत्र का जाप करें- ह्नीं भुवनेश्वरीयै ह्नीं नम ।।
पांचवी महाविद्या मां छिन्नमस्ता:-
सौभाग्य की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि के पांचवें दिन मां छिन्नमस्ता की पूजा करनी चाहिए। कहते हैं मां के दर्शन भक्त के साधना के ढंग पर निर्भर करते हैं। यदि कोई आदमी शांत मन से उनकी पूजा करेगा तो उसे शांत रूप के दर्शन होंगे तथा उसी के साथ उग्र रूप से साधना करने पर माता के उग्र रूप के दर्शन होते हैं।
मां को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें- श्रीं हृीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हृीं फट स्वाहा।।
छठी महाविद्या मां भैरवी:-
मां भैरवी की पूजा करने से सुख और समृद्धि को प्राप्त किया जा सकता है। जिसके ऊपर मां भैरवी का आशीर्वाद हो उसे कभी भय का सामना नहीं करना पड़ता। माता के मंत्रों का जाप करने से कभी भी धन की कमी नहीं रहती।
मां को खुश करने के लिए इस मंत्र का जाप करें- ह्नीं भैरवी क्लौं ह्नीं स्वाहा
सातवीं महाविद्या धूमावती:-
मां धूमावती की पूजा करने से बड़ी से बड़ी परेशानी मिनटों में दूर हो जाती है। ऋग्वेद में माता धूमावती को सुतरा के नाम से भी जाना गया है। मां की साधना करने वाला मनुष्य हमेशा खुश रहता है।
मां को खुश करने के लिए इस मंत्र का जाप करें- ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहाः
आठवीं महाविद्या मां बगलामुखी:-
मां बगलामुखी की पूजा करने से जीवन के हर क्षेत्र में विजय मिलती है। मां जिस पर अपनी कृपा बरसाती हैं, उसे जीवन में कभी हार का मुंह नहीं देखना पड़ता।
मां को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें- ऊँ ह्रीं बगलामुखी देव्यै ह्रीं ओम नमः
नौवीं महाविद्या मां मातंगी:-
गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाने के लिए मां मातंगी की पूजा करनी चाहिए। मां की पूजा करने से आदमी कला के क्षेत्र में बहुत आगे जाता है। इन्हें देवी सरस्वती का भी एक रूप कहते हैं।
मां को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें- ऊँ ह्नीं ऐ भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा ।।
दसवीं महाविद्या मां कमला:-
देवी दुर्गा का दसवां स्वरूप मां कमला की पूजा करने से आदमी को जीवन के सारे सुख प्राप्त होते हैं। इनके आशीर्वाद से धन एवं विद्या की प्राप्ति होती है। दुख-दुर्भाग्य को दूर करने के लिए मां के इस मंत्र का जाप करना चाहिए-
मां को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।