अपने चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए करें इस हर्बल प्रोडक्ट का इस्तेमाल
आज के समय में हर आदमी रोजमर्रा के प्रयोग में आने वाली चीजों में उपस्थित केमिकल से स्वयं को बचाने के लिए प्राचीन समय में इस्तेमाल में लिए जाने वाले चीजों पर अधिक जा रहे हैं या फिर कहीं की आयुर्वेद की ओर बढ़ रहे हैं। अब अधिकांश लोग प्रकृति के करीब जाने और कृत्रिम चीजों की बजाय प्राकृतिक उपायों को आजमाने लगे हैं, चाहे वह खाद्य पदार्थ हों या शरीर के इस्तेमाल में लिए जाने वाले किसी भी चीज़ हों।
आज के समय में आदमी चाहकर भी अपनी लाइफस्टाइल को बदल नहीं सकते और न ही अपनी जीवनशैली का हिस्सा बन चुकी चीजों को छोड़ सकते हैं। लेकिन सचेत होकर, इनसे होने वाले हानि को कम कर रहे हैं। इसके लिए अब लोग प्रकृति के करीब जा रहे हैं और कृत्रिम चीजों की बजाय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चीजों को अपना रहे हैं। उदाहरण के रूप में, पेस्ट की स्थान दातुन का इस्तेमाल, नीम और मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोटा में भी गायत्री परिवार की गौशाला में तैयार किए जा रहे हैं मुल्तानी मिट्टी से बने हर्बल साबुन।
ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि मुल्तानी मिट्टी के साबुन बनाए जा रहे हैं। इस हर्बल साबुन कोटा में गायत्री परिवार के द्वारा बनाकर बाजार में दिया जा रहा है। इस हर्बल साबुन को शरीर में लगाने से कई लाभ हैं और यह चर्म बीमारी से काफी लाभ प्रदान करता है। इस साबुन को बनाने में मुल्तानी मिट्टी, दही, सूखा आंवला, रीठा, पिसी हल्दी, नीम की हरी पत्तियां, और नींबू का रस शामिल होता है।
ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि काफी लोग इस मुल्तानी मिट्टी के साबुन का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें इस साबुन को लगाने के बाद काफी लाभ हो रहे हैं। इस साबुन का इस्तेमाल करने से शरीर को केमिकल से होने वाले हानि से बचाया जा सकता है और इसमें मुल्तानी मिट्टी से बने साबुन के रिज़ल्ट अन्य साबुनों की तुलना में काफी बेहतर हैं। इस साबुन का इस्तेमाल करने से ऑयल कम होता है, कील-मुहांसे नहीं होते, त्वचा का रंग समतल होता है, और त्वचा को चमकदार बनाने में सहायता करता है। इसके अलावा, इस साबुन का इस्तेमाल करने से चर्म बीमारी नहीं होता।