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महिलाओं को इन स्थितियों में संबंध बनाने के लिए कह देना चाहिए ‘ना’

फिजिकल संबंध में दंपती दोनों की ख़्वाहिश और खुशी का सम्मान होना महत्वपूर्ण है, अन्यथा संबंध में दूरियां बढ़ने लगती हैं स्त्रियों के शरीर में कई हॉर्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिससे कई बार उनके लिए संबंध बनाना कठिन हो जाता है ऐसी स्थिति में पति को पत्नी की ‘ना’ को समझना चाहिए किन स्थितियों में फिजिकल रिलेशन से बचना चाहिए, इसके बारे में बता रहे हैं सेक्सोलॉजिस्ट डाक्टर राजन भोसले

हाल ही में मेरी हिस्टेरेक्टॉमी की सर्जरी हुई है मैं ठीक से रिकवर भी नहीं हुई कि पति संबंध बनाने की डिमांड करने लगे मेरे लिए ये स्थिति बहुत भयावह है पति से इंकार करती हूं तो उन्हें गुस्सा आ जाता है ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?

फिजिकल रिलेशन के लिए दोनों पार्टनर का स्वस्थ और मानसिक रूप से तैयार होना महत्वपूर्ण है किसी भी सर्जरी के बाद शरीर को आराम की आवश्यकता होती है ऐसी स्थिति में संबंध बनाने से कई बार बड़ी परेशानी भी हो सकती है

आप पति को समझाएं कि कुछ समय की बात है जब आप फिजिकली सेक्शुअल रिलेशन के लिए तैयार हो जाएंगी तो आप स्वयं उनसे कहेंगी स्त्रियों के साथ कई मौकों पर ऐसा होता है जब उनका शरीर फिजिकल रिलेशन के लिए तैयार नहीं होता, फिर भी पति संबंध बनाने की डिमांड करते हैं ये ठीक नहीं है, इससे स्त्री के शरीर को गंभीर रूप से हानि हो सकता है और संबंध में भी दूरियां बढ़ जाती हैं

आमतौर पर स्त्रियों को इन स्थितियों में संबंध बनाने के लिए ‘ना’ कह देना चाहिए और पति को उनके शरीर की स्थिति और भावनाओं की कद्र करनी चाहिए

सर्जरी के बाद

किसी भी सर्जरी के बाद आराम करने की राय दी जाती है ऐसे में जबरदस्ती फिजिकल रिलेशन बनाने से मन में डर बैठ जाता है और कई बार ये डर लंबे समय तक रहता है यदि दोनों में से किसी भी एक पार्टनर की सर्जरी हुई है, तो दूसरे की उसकी फिजिकल कंडीशन को समझना चाहिए और संबंध बनाने से बचना चाहिए स्त्री का शरीर यदि संबंध बनाने के लिए तैयार नहीं, तो लुब्रिकेंट नहीं हो पाता ऐसी स्थिति में संबंध बनाने से उसे दर्द होता है पहले पत्नी को स्वस्थ और संबंध बनाने के लिए तैयार होने दें, फिर कोई परेशानी नहीं होगी

लंबी बीमारी

यदि कोई टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू जैसी लंबी रोग से जूझ रहा है, तो उसका शरीर काफी समय तक कमजोर रहता है ऐसे में रोगी के लिए संबंध बनाना कठिन होता है यदि पत्नी लंबे समय से बीमार है और फिजिकल रिलेशन के लिए ‘ना’ कहती है, तो उसकी स्थिति को समझें और उसे ठीक होने का समय दें

एसटीडी

दोनों में से किसी एक पार्टनर को एसटीडी (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज) है, उसके ठीक होने तक संबंध न बनाएं, अन्यथा दोनों को इंफेक्शन हो सकता है वैसे भी यदि एक पार्टनर को एसटीडी है, तब भी उपचार दोनों को कराना चाहिए, ताकि इंफेक्शन फिर से न हो जाए एसटीडी का समय पर उपचार न कराने से खासकर स्त्रियों के शरीर को बहुत हानि हो सकता है

संक्रामक रोग

एसटीडी की तरह ही कोई भी संक्रामक बीमारी होने पर फिजिकल रिलेशन से दूर रहना चाहिए जब तक पार्टनर पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता तब तक दोनों के लिए फिजिकल दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है, अन्यथा दूसरे पार्टनर को भी वही बीमारी हो सकता है

प्रेग्नेंसी

प्रेग्नेंसी के दौरान प्रारम्भ के तीन महीने और आखिर के एक महीने में संबंध बनाने के लिए इंकार किया जाता है इस दौरान सेक्शुअल रिलेशन नहीं बनाने चाहिए चौथे महीने से लेकर सात-आठ महीने तक आप फिजिकल रिलेशन बना सकते हैं लेकिन इस दौरान भी एहतियात बरतना महत्वपूर्ण है इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पेट पर वजन न पड़े

पीरियड्स

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने से बचना चाहिए पीरियड्स में संबंध बनाने से इंफेक्शन की आसार रहती है इसलिए इस समय दूरी बनाए रखना ठीक है माहवारी के दौरान स्त्रियों के शरीर को आराम की आवश्यकता होती है इसलिए पति को पत्नी की ‘ना’ को समझना चाहिए

वजाइना में घाव या दर्द

कई बार जब स्त्री मानसिक रूप से संबंध बनाने के लिए तैयार नहीं होती तो लुब्रिकेंट की कमी से वजाइना में दर्द या घाव हो जाता है ऐसी स्थिति में जबरदस्ती करने से स्त्री के मन में डर बैठ सकता है, जिससे वह आगे भी फिजिकल रिलेशन बनाने से बचने लगती है संबंध बनाने के लिए दोनों पार्टनर का तन-मन से इसके लिए तैयार होना महत्वपूर्ण है जबरदस्ती करने से संबंध बिगड़ने लगते हैं

अननैचुरल डिमांड

कई बार पुरुष ऐसी डिमांड कर बैठते हैं जिसे स्त्री नहीं करना चाहती एनल या पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने की डिमांड आमतौर पर स्त्रियों को पसंद नहीं आती और ये स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक है स्त्री यदि कंफर्टेबल नहीं है तो ऐसी डिमांड करने से बचें ऐसे संबंध बनाने के क्या लाभ जहां एक पार्टनर की फैंटेसी के लिए दूसरे पार्टनर को दर्द सहना पड़े पार्टनर के मन और भावनाओं का सम्मान करके ही आप अपने संबंध में खुशियां ला सकते हैं

सेक्स सीरियसली के कुछ और प्रश्नों के उत्तर पढ़िए…

मां बनने के बाद वजाइना में ढीलापन आ गया है इससे फिजिकल रिलेशन में पहले जैसी बात नहीं रही मैं जानना चाहती हूं कि क्या वजाइना में पहले जैसा कसाव लाया जा सकता है? मेरी फ्रेंड ने कहा कि कुछ एक्सरसाइज से ऐसा हो पाना संभव है मैंने पीसी मसल्स एक्सरसाइज के बारे में भी पढ़ा है इंटरनेट पर इतनी सारी जानकारी है कि किस पर विश्वास करूं समझ नहीं आता आप क्या सजेस्ट करेंगे?

मां बनने के बाद अधिकांश स्त्रियों की ये कम्पलेन रहती है कि वजाइना लूज हो गया है और फिजिकल रिलेशन में पहले जैसी बात नहीं रही आपने ठीक सुना है, कीगल और पैल्विक मसल्स एक्सरसाइज से आप वजाइना को सरलता फिर से पुराने शेप में ला सकती हैं

पिछले काफी समय से हमारे बीच फिजिकल रिलेशन नहीं है पति कभी काम का बहाना बनाकर तो कभी थकान बताकर संबंध बनाने से कतराते हैं मुझे संदेह है कि पति का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर चल रहा है वो अपनी ख़्वाहिश बाहर पूरी कर रहे हैं और मुझसे बचते फिरते हैं मुझे समझ नहीं आ रहा कि ऐसा क्यों और कैसे हो गया क्या मुझे इस बारे में पति से खुलकर बात करनी चाहिए?

कई कपल के साथ ऐसा होता है कि विवाह के पहले कुछ वर्ष तो बहुत रोमांटिक होते हैं, लेकिन उसके बाद संबंध में ठहराव आने लगता है ऐसा खासकर बच्चे के जन्म के बाद होता है बच्चे के जन्म के बाद स्त्री बेबी के साथ व्यस्त हो जाती है ऐसे में कुछ मामलों में पति अपनी ख़्वाहिश बाहर पूरा करने की प्रयास करता है लेकिन ऐसा करना किसी भी संबंध के लिए ठीक नहीं है बच्चा अकेले मां का नहीं होता उसकी परवरिश और देखभाल में पिता की भी समान किरदार होनी चाहिए

 

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