Yoga Asanas After Meals For Digestion: स्वास्थ्य जानकारों के मुताबिक, योग शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए लाभ वाला होता है. अनेक रोंगों से बचाव और इलाज में योग असरदार है. शरीर को लचीला बनाने, मांसपेशियों की मजबूती और अतिरिक्त वसा को घटाने के लिए नियमित योगासन के अभ्यास की राय दी जाती है.
मानसून में पेट संबंधी कम्पलेन हो सकती है. बारिश के मौसम में गर्मागर्म पकोड़े, समोसे आदि के सेवन से अपच, दर्द और पेट फूलने जैसी समस्याएं होने लगती हैं. पाचन क्रिया ठीक ढंग से न होने से कई कम्पलेन हो सकती हैं. जानकार कहते हैं कि रात के भोजन के तुरंत बाद नहीं सोना चाहिए और कम से कम तीन घंटे का अंतराल हो, जिसमें पैदल चल सकते हैं या योग कर सकते हैं.
वज्रासन
रात को खाने के बाद वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं. यह पाचन के लिए सबसे लाभ वाला योगासनों में शामिल है. इस आसन के अभ्यास से ऊपरी शरीर और पेट को स्ट्रेच करने में सहायता मिलती है. खाली पेट वज्रासन के अभ्यास की राय दी जाती है लेकिन इस आसन को भोजन के बाद करना अधिक लाभ वाला होता है.
गोमुखासन
गोमुखासन रीढ़ और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव लाने में सहायता करता है. इससे पाचन में सहायता मिलती है और खाने के बाद इस आसन के अभ्यास से पेट का उपचार होता है. पाचन क्रिया को सरल बनाने के लिए नियमित इस योग का अभ्यास किया जा सकता है.
गोमुखासन के अभ्यास के लिए बाएं पैर को मोड़कर टखने को बाएं कूल्हे के पास रखें. अब दाहिने पैर को बाएं पैर पर इस तरह रखें कि दोनों घुटने एक-दूसरे को स्पर्श करें. अब हाथों को पीछे की ओर ले जाते हुए दाएं हाथ से बाएं हाथ को पकड़ लें. रीढ़ को सीधा रखते हुए लगभग 1 मिनट तक गहरी सांसें लें. धीरे धीरे पुरानी हालत में आ जाएं.
धनुरासन
धनुरासन पाचन अंगों के कार्य को बढ़ाने में सहायक है. इस आसन के अभ्यास से पाचन बेहतर होता है. धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट कर पैरों को मोड़ते हुए छूने का कोशिश करें. बाहों और हाथों के इस्तेमाल से टखनों को पकड़ें. टखनों को पीछे की ओर रखते हुए कंधों को खिंचाव दें.
नोट: यह लेख योग
जानकारों के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है
. आसन की
ठीक स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी योग गुरु से संपर्क कर सकते हैं
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