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मोबाइल चलाने की लत के कारण बन सकते हैं इस बीमारी का शिकार, जानें कुछ और भी खास बातें

वर्तमान स्थिति में मोबाइल हमारा एक अभिन्न अंग बन चुका है मोबाइल पास न हो तो मानो ऐसा लगता है कि हमसे हमारी कोई खास चीज दूर हो गई है इतना ही नहीं बच्चों में भी धीरे-धीरे मोबाइल का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है और लगातार बढ़ते इस मोबाइल की लत के कारण बच्चों से लेकर बड़ों तक को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उन्ही में से एक परेशानी है टेक्स्ट नेक सिंड्रोम की जो लगातार जिला हॉस्पिटल में सामने आ रही है

जिला हॉस्पिटल में जनपद के कोने-कोने से रोगी इलाज कराने आते हैं जिसमें हड्डी विभाग में रोजाना लगभग 250 रोगी पहुंच रहे हैं इसमें से कई युवाओं और बच्चो को मोबाइल चलाने से परेशानी हो रही है जिसका वह इलाज कराने आ रहे हैं जब उनसे जानकारी करते हैं तो उनका स्पष्ट रूप से बोलना रहता है कि हमने मोबाइल टेलीफोन इतने घंटे प्रयोग किया है और हमारे गर्दन और  बॉडी के इन पार्ट्स में इन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसकी वजह से साफ़ प्रतीत हो रहा है कि टेलीफोन चलाने से ही यह समस्याएं सामने आ रही हैं

क्या है टेक्स्ट नेक सिंड्रोम

जिला हॉस्पिटल के वरिष्ठ आर्थो सर्जन डाक्टर शेर सिंह कक्कड़ ने कहा कि इसे टेक्स्ट नेक सिंड्रोम कहते हैं लगातार अंगूठा चलाने से मांसपेशियों में थकान आ जाती है गर्दन झुका कर काम करने से गर्दन पर भार पड़ता है अधिक दिनों तक झुक कर मोबाइल टेलीफोन पर काम करते रहने से गर्दन भी झुक जाती है ओपीडी में हर रोज 20 से 25 रोगी सामने आ रहे है और रोजाना इस परेशानी के रोगियों में बढोत हो रही है इन सभी रोगियों की उम्र की बात करें तो उम्र वर्ग 14 से 40 वर्ष के बीच है इसमें हाथ में लगातार दर्द रहने, गर्दन में अकड़न और हाथ के सुस्त होने के लक्षण रहते हैं

यह दी सलाह

डॉक्टर शेर सिंह कक्कड़ का बोलना है कि इस तरह की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं रोजाना हॉस्पिटल में इसके पेटेंट सामने आ रहे हैं इस परेशानी से निजात पाने के लिए टेलीफोन का जितना हो सके कम से कम इस्तेमाल करें गर्दन झुका कर टेलीफोन ना चलाएं और एक ही अंगूठे से टेलीफोन ना चलाएं यदि टेलीफोन का काम भी है तो हाथ बदलते रहे उसके बाद ही टेलीफोन का प्रयोग करें और कोई भी परेशानी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जानकारी कर अपना इलाज कर लें

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