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अजमेर जिला प्रशासन ने ट्रांसपोर्ट यूनियन एवं चालक यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक ली

अजमेर पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती लता मनोज कुमार, जिला कलेक्टर डाक्टर भारती दीक्षित तथा पुलिस अधीक्षक चुनाराम जाट द्वारा ट्रांसपोर्ट यूनियन एवं चालक यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक ली गई. बैठक नए कानून के प्रावधानों को समझाया गया.

जिला कलेक्टर ने बोला कि इस कानून का उद्देश्य सड़क हादसा के मामलों में तुरन्त मेडिकल एवं पुलिस सहायता उपलब्ध करवाना है ताकि हादसा में आहत आदमी की जान बचाई जा सके. प्रावधान के अनुसार हादसा में आहत आदमी को निकटतम हॉस्पिटल में ले जाने की बाध्यता उस हालात में लागू नहीं होती, जब भीड़ के क्रोध के कारण या चालक के नियंत्रण के परे किसी अन्य कारण से ऐसा करना व्यवहार्य न हो. ऐसी स्थिति में आमजन की समस्याओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए.

उन्होंने सभी गाड़ी चालकों एवं ट्रांसपोर्ट यूनियन सदस्यों से निवेदन किया है कि वे नए कानून की भावना को समझें. सभी ट्रांसपोर्ट यूनियन सदस्य तथा गाड़ी चालक किसी भी प्रकार की भ्रांति और गलतफहमी में नहीं आएं तथा आमजन को होने वाली कठिनाई को दृष्टिगत रखें. उन्होंने बोला कि सभी पक्ष वैधानिक ढंग से अपनी बात प्रशासन के समक्ष रख सकते हैं, जिसे अग्रेषित किया जाएगा. यह कानून तेज गति से भिड़न्त के कारण हादसा होने की स्थिति में चालक द्वारा उस जगह से भाग जाने की स्थिति को रोकने के लिए बनाया गया है. हादसा होने की स्थिति में चालक द्वारा सूचना देना जरूरी है, मौके पर रुकना नहीं.

कानून की इस धारा के भीतर चालक की ढिलाई साबित होने पर ही अधिकतम 10 साल की सजा श्रेणी के मुताबिक दिए जाने का प्रावधान रखा गया है, जिसे अभी लागू नहीं किया गया है. इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह एवं राधेश्याम डेलू, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी श्रीमती सुमन भाटी, जिला रसद अधिकारी विनय शर्मा सहित विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

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