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इलेक्टोरल बॉन्ड्स: फ्यूचर गेमिंग ने TMC को दिया सबसे ज्यादा चंदा, जानें BJP और कांग्रेस के लिए कौन रहे सबसे बड़े दानवीर

सबसे अधिक चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग ने वैसे तो राष्ट्र की तकरीबन हर प्रमुख सियासी पार्टी को चंदा दिया है, लेकिन विपक्षी दलों पर इसकी खास नजरें इनायत रही हैं. लंबे समय से विवादों में घिरी और जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे ‘लाटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने अप्रैल, 2019 से लेकर जनवरी, 2022 के बीच कुल 1,368 करोड़ रुपये विभिन्न सियासी दलों को बॉन्ड के जरिये मौजूद कराए हैं.

टीएमसी को दिया सबसे अधिक चंदा

ताज्जुब की बात यह है कि कोयंबटूर स्थित इस कंपनी ने सबसे अधिक 542 करोड़ की धनराशि तृणमूल कांग्रेस पार्टी को दिया है. दूसरे जगह पर द्रमुक है, जिसे कंपनी ने 503 करोड़ रुपये दिए हैं. फ्यूचर गेमिंग ने राष्ट्र के दो सबसे बड़े सियासी दलों बीजेपी और कांग्रेस पार्टी को क्रमश: 100 करोड़ रुपये और 50 करोड़ रुपये ही दिए हैं. इसने सिक्किम की दो सियासी पार्टियों सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रांट को भी चंदा दिया है.

चुनाव आयोग ने विवरण को किया था सार्वजनिक

ध्यान रहे कि सबसे अधिक टकराव इसे लेकर ही था और बोला जा रहा था कि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई रोकने के लिए बीजेपी को इसने चंदा दिया. लेकिन, आंकड़ा कुछ और बता रहा है. चुनावी बॉन्ड को लेकर एसबीआई द्वारा सौंपे गए विवरण को चुनाव आयोग ने गुरुवार शाम को सार्वजनिक कर दिया. कई पन्नों मे सिमटे हुए इस ब्योरे की पड़ताल अभी होती रहेगी क्योंकि किस कंपनी ने किस पार्टी को बॉन्ड के जरिये चंदा दिया है, यह जानकारी एक स्थान नहीं है.

दैनिक जागरण ने देर रात इसकी जांच पड़ताल से जो सूचनाएं बाहर निकाली हैं, उनसे साफ है कि लाटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी चुनावी चंदा देने में सबसे तत्पर दिखाई देती है. साल 2019 से जनवरी, 2024 तक इस कंपनी ने एक-एक करोड़ के कभी दो सौ तो कभी पांच बॉन्ड खरीदे हैं और फिर इन्हें सियासी दलों की तरफ से भुनाया गया है.

सीएजी ने कंपनी पर उठाया है सवाल

मार्टिन को राष्ट्र का सबसे बड़ा लाटरी किंग बोला जाता रहा है. लॉटरी के कारोबार पर सीएजी की एक रिपोर्ट (वर्ष 2017) में इस कंपनी की गलत गतिविधियों को लेकर प्रश्न उठाया गया था. इस रिपोर्ट के बाद इस कंपनी ने बॉन्ड के जरिये सियासी दलों की जेब भरनी प्रारम्भ कर दी.

दूसरे जगह पर है यह कंपनी

रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि चुनावी चंदा देने में दूसरे जगह पर रहने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है. इस कंपनी ने कुल 966 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. इसमें सबसे ज्याद बीजेपी को 544 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं. दूसरे जगह पर तेलंगाना की पूर्व सत्ताधारी पार्टी हिंदुस्तान देश समिति है, जिसे इसने 195 करोड़ रुपये दिए हैं. बीजेपी के अतिरिक्त इसने मुख्य तौर पर दक्षिण के सियासी दलों को ही धन उपलब्ध कराया है. वैसे इसने 10 करोड़ रुपये की राशि बिहार की पार्टी जदयू को भी दिया है. कांग्रेस पार्टी को इसने लगभग 20 करोड़ दिया.

क्विक सप्लाई जिसके बारे में पहले यह सूचना थी कि यह रिलायंस समूह से संबंधित है, ने 410 करोड़ रुपये का चंदा सियासी दलों को दिया है. इसने भी सबसे अधिक बीजेपी को 385 करोड़ रुपये की राशि दी है. सनद रहे कि रिलायंस समूह ने बोला है कि उसका इस कंपनी के साथ कोई संपर्क नहीं है. इसने बीजेपी के अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये की राशि शिवसेना को दी है और किसी भी सियासी दल पर कंपनी की कृपा दृष्टि नहीं हुई है.

भाजपा को मिले हैं सबसे अधिक चुनावी बॉन्ड

भाजपा को सबसे अधिक 8633 चुनावी बॉन्ड हासिल हुए हैं और इसके जरिये पार्टी को 6060.51 करोड़ रुपये की राशि चंदा के तौर पर प्राप्त हुई है. दूसरे जगह पर तृणमूल है, जिसे कुल 3305 बॉन्ड मिले हैं, जिनकी कुल मूल्य 1609.53 करोड़ रुपये रही है. कांग्रेस पार्टी को 3146 बॉन्ड के जरिये 1421.87 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. आम आदमी पार्टी को विभिन्न कंपनियों से 65 करोड़ चंदा मिला है.

समाचार एजेंसी मीडिया के मुताबिक, बीजेपी को मुख्य रूप से बड़े औद्योगिक घरानों से चंदा मिला है. इनमें वेदांता, भारती एयरटेल, मुथूट, बजाज आटो, जिंदल समूह और टीवीएस मोटर शामिल हैं. वेदांता ने कांग्रेस, बीजद और तृणमूल को भी चंदा दिया है. भारती एयरटेल ने राजद, शिअद और कांग्रेस पार्टी को भी चंदा दिया.

उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल ने बीजेपी को जबकि बायकान प्रमुख किरण मजूमदार शा ने भाजपा, तृणमूल और कांग्रेस पार्टी को चंदा दिया. रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने कांग्रेस, भाजपा, तृणमूल और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को चंदा दिया है.

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