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कांग्रेस ने 2जी स्पेक्ट्रम के मामले के फैसले में ‘संशोधन की मांग करते हुए, कहा…

नयी दिल्ली. कांग्रेस पार्टी ने 2जी स्पेक्ट्रम के मुद्दे के निर्णय में ‘संशोधन की मांग करते हुए’ केंद्र गवर्नमेंट द्वारा सुप्रीम कोर्ट का रुख किए जाने को लेकर शनिवार को इल्जाम लगाया कि बीजेपी (भाजपा) के ‘‘पाखंड की कोई सीमा नहीं है’’ क्योंकि उसने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के अनुसार 2जी स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन को ‘‘घोटाला’’ कहा था और अब नरेन्द्र मोदी गवर्नमेंट बिना नीलामी के ‘‘स्पेक्ट्रम देने’’ की अनुमति मांग रही है. केंद्र ने 12 वर्ष से अधिक समय बाद गत सोमवार को 2जी स्पेक्ट्रम मुद्दे से जुड़े निर्णय में संशोधन का निवेदन करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

हालांकि, एक शीर्ष सूत्र ने बाद में बोला कि गवर्नमेंट 2012 के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बदलने की प्रयास नहीं कर रही है. कोर्ट ने अपने निर्णय में बोला था कि राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधनों को स्थानांतरित करते समय गवर्नमेंट नीलामी का मार्ग अपनाने के लिए बाध्य है. इसने दो फरवरी 2012 के अपने निर्णय में जनवरी 2008 में दूरसंचार मंत्री के रूप में ए राजा के कार्यकाल के दौरान विभिन्न कंपनियों को दिए गए 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द कर दिए थे. कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी गवर्नमेंट और करप्ट जनता पार्टी के पाखंड की कोई सीमा नहीं है.

मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट के दौरान, उसकी तरफ से यही रोना रोया जाता था कि 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन एक ‘घोटाला’ है.’’ उन्होंने इल्जाम लगाया, ‘‘अब, वे इसके उल्टा तर्क दे रहे हैं, वे नीलामी के बिना, जिसे चाहें उसे स्पेक्ट्रम देने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में गए हैं.’’

रमेश ने दावा किया, ‘‘बेशक, यह मोदी शासन पहले से ही सार्वजनिक संसाधनों को पीएम के पूंजीपति मित्रों को सौंप रहा है, हवाई अड्डों को एक कंपनी को सौंप दिया गया है, कोयला खदानों को फर्जी नीलामी में दे दिया गया है, और यहां तक ​​कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम भी सौंप दिया गया है.’’ उन्होंने बोला कि चार जून को हिंदुस्तान के मतदाता इस ‘संगठित लूट’ वाली पार्टी को बाहर का रास्ता दिखा देंगे. लोकसभा चुनाव की मतगणना चार जून को होगी.

 



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