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केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने का लिया अति महत्वपूर्ण फैसला

नई दिल्ली: एक बड़ी समाचार के मुताबिक केंद्र गवर्नमेंट (Central Goverment) ने नए वर्ष 2024 में अपने पहले बड़े कदम के तौर पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने का अति जरूरी निर्णय किया है मुद्दे पर गृह मंत्रालय (Home Ministry) के सूत्रों की मानें तो इस कानून के नियम-कायदों को इसी महीने यानि आनें वाले 26 जनवरी से पहले अधिसूचित कर दिया जाएगा

हिंदू शरणार्थियों के लिए उम्मीद 

माना जा रहा है कि केंद्र गवर्नमेंट का यह निर्णय बांग्लादेश से आए अनेकों हिंदू शरणार्थियों के लिए आशा लेकर आएगा वहीं, पाक से भी प्रताड़ित होकर आए अनेकों हिंदू-सिख शरणार्थियों को भी इस अधिनियम से बड़ी राहत मिल जाएगी आंकड़ों को देखें तो, बीते 2014 तक पाकिस्तान-अफगानिस्तान से 32 हजार लोग हिंदुस्तान आए हैं

ऐसे में अब CAA लागू होने से इन लोगों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा देखा जाए तो गृह मंत्रालय से CAA लागू करने के ठोस संकेत गृह मंत्री अमित शाह की बंगाल में बीते 27 दिसंबर को हुई घोषणा से मेल खाते हैं उन्होंने आम सभा में बोला था कि CAA राष्ट्र का कानून है इसे कोई भी अमल में आने से नहीं रोक नहीं सकता जानकारी दें कि संसद ने CAA पर बीते 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी हालांकि, गवर्नमेंट इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा अब तक कुल 8 बार बढ़ा चुकी है

समझें क्या है CAA?

दरअसल CAA के अनुसार अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से बीते 31 दिसंबर 2014 के पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को हिंदुस्तान की नागरिकता देने का प्रावधान है इसके लिए इन तीन राष्ट्रों से आए विस्थापितों को कोई डॉक्यूमेंट्स देने की भी आवश्यकता नहीं होनी है

ये भी समझें कि

  • CAA, किसी आदमी को स्वयं नागरिकता नहीं देता
  • इसके जरिए पात्र व्यक्ति, आवेदन करने के योग्य बनता है
  • यह कानून उन लोगों के लिए , जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हिंदुस्तान पहुंचे
  • CAA में प्रवासियों को वह अवधि साबित करनी होगी कि वे इतने समय में हिंदुस्तान में रह चुके हैं
  • यह भी साबित करना होगा कि वे अपने राष्ट्रों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से ही हिंदुस्तान आए
  • वे लोग उन भाषाओं को बोलते हैं, जो संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल हैं
  • उन्हें नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा
  • इसके बाद ही प्रवासी राष्ट्र में नागरिकता के आवेदन के पात्र होंगे

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