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केजरीवाल : भाजपा ने AAP के सात विधायकों को की अपने पाले में करने की कोशिश

नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को इल्जाम लगाया कि बीजेपी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के सात विधायकों को अपने पाले में करने की प्रयास की और उन्हें पाला बदलने के लिए 25 करोड़ रुपये की पेशकश की. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी द्वारा AAP विधायकों से वार्ता की गई थी, जिन्होंने कथित तौर पर धमकी दी थी कि शराब नीति मुद्दे में दिल्ली के सीएम को जल्द ही अरैस्ट किया जाएगा.

केजरीवाल ने आज एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट में कहा, पिछले दिनों इन्होंने हमारे दिल्ली के 7 MLAs को संपर्क कर बोला है – “कुछ दिन बाद केजरीवाल को गिरफ़्तार कर लेंगे. उसके बाद MLAs को तोड़ेंगे. 21 MLAs से बात हो गयी है. औरों से भी बात कर रहे हैं. उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की गवर्नमेंट गिरा देंगे. आप भी आ जाओ. 25 करोड़ रुपये देंगे और भाजपा की टिकट से चुनाव लड़वा देंगे.

उन्होंने आगे लिखा कि, ”हालाँकि उनका दावा है कि उन्होंने 21 MLAs से संपर्क किया है लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक़ उन्होंने अभी तक 7 MLAs को ही संपर्क किया है और सबने इंकार कर दिया. इसका मतलब किसी शराब घोटाले की जाँच के लिए मुझे गिरफ़्तार नहीं किया जा रहा बल्कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की गवर्नमेंट गिराने के लिए षड्यंत्र कर रहे हैं. पिछले नौ वर्षों में हमारी गवर्नमेंट गिराने के लिए इन्होंने कई षड्यंत्र किए. लेकिन इन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली. ईश्वर ने और जनता ने हमेशा हमारा साथ दिया. हमारे सभी MLA भी मज़बूती से  साथ हैं. इस बार भी ये लोग अपने नापाक इरादों में फेल होंगे.

केजरीवाल ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि, ”ये लोग जानते हैं कि दिल्ली की जनता के लिए हमारी गवर्नमेंट ने कितने काम किए हैं. इनकी पैदा की गयी अनेक अड़चनों के बावजूद हमने इतने काम किए हैं. दिल्ली की जनता “आप” से बेइंतहा प्यार करती है. इसलिए चुनावों में “आप” को हराना इनके बस की बात नहीं. तो एक फ़र्ज़ी शराब घोटाले के बहाने गिरफ़्तार करके गवर्नमेंट गिराना चाहते हैं.

बता दें कि, मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरफ से इस तरह के इल्जाम कई बार लगाए गए हैं. हालाँकि, वे AAP विधायकों से संपर्क करने वाले बीजेपी नेता का नाम नहीं बताते हैं. एक बार प्रारम्भ में उन्होंने नितिन गडकरी और अरुण जेटली का नाम ले लिया था, तो दोनों नेताओं ने केजरीवाल को मानहानि के मुद्दे में न्यायालय में खींच लिया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल को अपने इल्जाम का सबूत दिखाने के लिए बोला गया, जब वे कोई सबूत नहीं दिखा सके, तो केजरीवाल ने दोनों बीजेपी नेताओं से बिना शर्त माफ़ी मांग ली. एक पूर्व AAP नेता ने ये भी दावा किया था कि, केजरीवाल स्वयं ही अपने विधायकों को टेलीफोन लगवाते हैं, ये पता करने के लिए कि वो कहीं पार्टी छोड़ने की तो नहीं सोच रहे. अब देखना ये है की, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जो इल्जाम लगाया है, क्या वे उसके लिए न्यायालय जाते हैं या किसी नेता का नाम जाहिर करते हैं, जिसके विरुद्ध कार्रवाई हो.

 

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