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ग्लोबल वॉर्मिंग और अल नीनो की वजह से इस साल पड़ेगी रिकॉर्डतोड़ गर्मी

Climate Change and El Nino Effect: फरवरी का महीना, सर्दी का मौसम, बारिश और कोहरा… फिर भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का न्यूनतम तापमान करीब 12 डिग्री… फरवरी के महीने में ऐसा मौसम डराने वाला है तो क्या इस वर्ष भी मार्च में ही भयंकर गर्मी प्रारम्भ हो जाएगी? क्या ग्लोबल वॉर्मिंग और अल नीनो की वजह से इस वर्ष भी रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ेगी बता दें कि पिछले वर्ष भी मार्च में भयंकर गर्मी पड़ने लगी थी और तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच गया था

फरवरी में ही डराने वाला है मौसम का हाल?

दरअसल, पिछले वर्ष हर महीने तापमान के नए रिकॉर्ड बने और दिसंबर तक लोग ठंड का प्रतीक्षा करते रहे पहाड़ों पर बर्फबारी नहीं हुई और घूमने जाने वालों को निराशा हाथ लगी जनवरी के दूसरे हफ्ते में कड़ाके की ठंड का अहसास होना प्रारम्भ हुआ फरवरी प्रारम्भ होते ही कई राज्यों में बारिश प्रारम्भ हो गई और लगा कि सर्दी अब अधिक सताएगी लेकिन, हुआ एकदम इसके विपरीत और बारिश के बाद तापमान बढ़ गया

4 फरवरी को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 11.9

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार (4 फरवरी) को मामूली बारिश हुई साथ ही पूरे दिन बादल छाया रहा और सूरज के दर्शन भी नहीं हुए  इसके बावजूद न्यूनतम तापमान बढ़कर 11.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जो इस मौसम के औसत से 3 डिग्री अधिक है इस दौरान कुछ इलाकों में सुबह के समय कोहरा भी रहा, लेकिन फिर भी ठंडक कम हो गई हिंदुस्तान मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अधिकतम तापमान भी 20 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया

मौसम क्यों हो रहा इतना अधिक गर्म?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही इस वर्ष कम सर्दी पड़ने की भविष्यवाणी कर दी थी दिसंबर 2023 में IMD के महानिदेशक डाक्टर मृत्युजंय महापात्र ने कहा था कि ठंड कम पड़ेगी दिसंबर से लेकर फरवरी तक राष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है बता दें कि इसकी वजह प्रशांत महासागर में भूमध्यरेखा के आसपास अल-नीनो का मजबूत होना है

अल-नीनो की वजह से हिंदुस्तान ही नहीं इसकी वजह से पूरी दुनिया के मौसम में परिवर्तन आया है इस वजह से मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर और अरब सागर में समुद्री सतह का तापमान बढ़ गया है इस वजह से पूरी धरती का तापमान बढ़ रहा है पिछले वर्ष दिसंबर में दुबई में आयोजित COP28 Climate Summit में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने एक डराने वाली रिपोर्ट पेश की थी जिसके अनुसार, वर्ष 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म वर्ष रहा इसकी वजह अल-नीनो है और यह इस वर्ष भी गर्मी बढ़ाएगा

इस वर्ष पड़ने वाली है विशाल गर्मी

तो इस वर्ष विशाल गर्मी झेलने को तैयार हो जाइए, क्योंकि आने वाले दिनों में तापमान तेजी से बढ़ सकता है इसको लेकर हाल ही में संयुक्त देश (UN) ने भी चेतावनी दी थी और बोला था कि इस वर्ष अल नीनो की वजह से रिकॉर्ड तोड़ने वाले 2023 की तुलना में अधिक गर्मी पड़ सकती है इसके साथ ही यूएन ने जलवायु बदलाव से निपटने के लिए कार्बन उत्सर्जन में भारी कटौती की अपील भी की थी यूएन ने यह भी बोला था कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अल नीनो जैसी मौसमी घटनाओं के कारण सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की आसार है

क्या है अल-नीनो और यह कैसे डालता है असर?

अल नीनो एक तरह की मौसम संबंधी घटना है सामान्य तौर पर अल-नीनो हर दो से सात वर्ष में होता है, लेकिन जलवायु बदलाव ने सब बदल दिया है और जलवायु बदलाव के चलते इसकी अवधि बढ़ने लगी है अल-नीनो की स्थिति मध्य और पूर्वी प्रशांत सागर में समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक होने पर बनती है समुद्र का तापमान बढ़ने से मौसम गर्म होने लगता है और ऐसी स्थिति में भयानक गर्मी का सामना करना पड़ता है कुछ इलाकों में सूखे के हालात भी बनने लगते हैं

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