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चन्द्रमा पर प्रज्ञान रोवर ने किया ‘मून वॉक’ ! अमेरिका बोला…

नई दिल्ली: भारत ने बुधवार (23 अगस्त) को इतिहास रच दिया और चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला राष्ट्र बन गया. चंद्रयान -3 की सुरक्षित लैंडिंग के बाद, चरण 2 में विक्रम लैंडर से रोवर, प्रज्ञान को बाहर निकाला गया, जो भी सफल रहा. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक नवीनतम पोस्ट में, ISRO ने बोला कि ‘प्रज्ञान’ चंद्रमा की सतह पर लॉन्च हो गया है. ISRO ने अपने पोस्ट में बोला कि, ‘रोवर रैंप पर नीचे आया. चंद्रयान-3 रोवर: मेड इन इंडिया-मेड फॉर मून. सीएच-3 रोवर लैंडर से रैंप पर नीचे आया और हिंदुस्तान ने चंद्रमा पर सैर की.

आधिकारिक सूत्रों ने पहले इस घटनाक्रम की पुष्टि की थी. जैसे ही हिंदुस्तान ने अंतरिक्ष में मुश्किल कार्य पूरे किए, पीएम मोदी ने उन लोगों को उत्तर दिया, जिन्होंने इस विशाल कोशिश के लिए इसरो को शुभकामना दी. ऐसे ही एक संदेश में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि, ‘भारत की सफलताएं 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की ताकत, कौशल और दृढ़ संकल्प से संचालित होती हैं.

‘गर्व है, आपका भागीदार बनकर खुश हूं’: अमेरिका 

चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद हिंदुस्तान को अमेरिकी राजनेताओं, समाचार पत्रों और अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थानों से प्रशंसा मिली. इस उपलब्धि ने राष्ट्र को देशों की एक विशेष लीग में शामिल कर दिया, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं, जिनके पास चंद्र परिदृश्य पर रोवर्स हैं. प्रभावशाली ढंग से, हिंदुस्तान ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के भीतर अपने रोवर को स्थापित करने वाला पहला देश बनकर इस प्रतिष्ठित समूह का नेतृत्व किया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मानना है कि इस क्षेत्र में पानी के निशान हो सकते हैं.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने एक्स पर बोला कि, ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए हिंदुस्तान को बधाई. यह इसमें शामिल सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए एक अविश्वसनीय उपलब्धि है.’ हैरिस ने बोला कि, ‘हमें इस मिशन और अंतरिक्ष अन्वेषण में अधिक व्यापक रूप से आपके साथ साझेदारी करने पर गर्व है.’ बता दें कि हैरिस की मां हिंदुस्तान से थीं. अमेरिका का उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद का प्रमुख होता है.

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