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पद्मश्री के लिए चुने गए शिक्षाविद् डॉ जहीर काजी, कहा…

प्रसिद्ध शिक्षाविद् और अंजुमन-ए-इस्लाम के अध्यक्ष डॉ जहीर काजी को राष्ट्र के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म श्री के लिए नामित किया गया. उन्होंने इस मौके पर शुक्रवार को कहा, कि यदि शिक्षा के क्षेत्र में अधिक सरकारी कोशिश किए गए तो ‘भारतवर्ष’ अगले दो से तीन सालों में विश्वगुरु बन जाएगा.

काजी ने आगे कहा, ‘मैं इस सम्मान और मान्यता के लिए नामित होने पर बहुत खुश हूं. सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में मैंने जो भी काम किया है उसका श्रेय उस संस्थान को जाना चाहिए जिसका मैं अगुवाई करता हूं. अंजुमन-ए-इस्लाम राष्ट्रवादी आदर्शों और भावना पर स्थापित 150 वर्ष पुरानी संस्था है. यह एक धर्मार्थ संगठन है.” उन्होंने कहा, ‘गरीब पृष्ठभूमि के बच्चे यहां शिक्षा प्राप्त करते हैं. यहां हर जाति और धर्म के लोगों का स्वागत है.

महिला और बच्चों की होती है देखभाल

पिछले 40 वर्षों से संस्था से जुड़े हुए काजी ने बताया, ‘हम मलिन बस्तियों में रहने वाले और विद्यालय छोड़ने वाले बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं.’ हम लड़कियों के लिए दो अनाथालय चलाते हैं जो कि एक पुणे में और दूसरा मुंबई में है. हम बेघर स्त्रियों के लिए एक केंद्र भी चलाते हैं. इसके अतिरिक्त अनाथ बच्चों की भी देखभाल की जाती है और उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान की जाती है. उन्हें जीवन में आगे चलकर अच्छी नौकरियां मिलती हैं.

काजी ने आगे बताया, ‘हम उनके शादी की प्रबंध भी करते हैं और सभी खर्चों का ध्यान रखते हैं. हम गवर्नमेंट के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान में भी एक्टिव रूप से लगे हुए हैं.’  बता दें कि काजी 15 वर्ष पहले बोर्ड के सदस्य से लेकर संगठन के अध्यक्ष रह चुके हैं.  उन्होंने उन गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दो विश्वविद्यालयों के साथ योगदान किया है जो फीस वहन नहीं कर सकते.

डॉ जहीर ने कहा, ‘हमने पिछले 15 सालों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा के दायरे का विस्तार किया है और इसे पूरे राष्ट्र में फैलाया है. तरराष्ट्रीय स्तर पर, हमने पिछले साल दो विश्वविद्यालयों के साथ योगदान किया. रिज़ल्ट बहुत उत्साहवर्धक है. हमारी पहल का उद्देश्य उन गरीब बच्चों की सहायता करना है जो फीस वहन नहीं कर सकते.

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