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पश्चिम बंगाल में ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में सीबीआई कई स्थानों पर कर रही है छापेमारी

पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय ऑफिसरों पर हमले के मुद्दे में CBI कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है. सूत्रों के अनुसार CBI ने इस छापेमारी में बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं. पैरामिलिट्री फोर्स की कड़ी सुरक्षा में CBI की टीम भिन्न भिन्न जगहों पर रेड करने पहुंची. CBI ने अभी तक संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय ऑफिसरों पर हमले के मुद्दे में सात गिरफ्तारियां भी की हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में क्षेत्रीय तृणमूल द्वारा कथित तौर पर उकसाई गई भीड़ द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर किए गए हमले के सिलसिले में कई स्थानों पर अपनी तलाशी के दौरान एक घर से विदेशी निर्मित पिस्तौल और गोला-बारूद सहित हथियार बरामद किए. जिसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की एक बम निरोधक टीम संदेशखाली के अगरहाटी गांव पहुंची. 

हालाँकि, पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस निर्णय को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें संदेशखाली में जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में CBI जांच का निर्देश दिया गया था. इस मुद्दे की सुनवाई 29 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय के जस्टिस बीआर गवई और संदीप मेहता की बेंच करेगी. कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर, CBI ने 5 जनवरी को घटनाओं से संबंधित तीन प्राथमिकी दर्ज की थीं. , संदेशखाली क्षेत्र में कई कथित अपराधों की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश CBI को दिया था. कथित तौर पर इन अपराधों में गैरकानूनी भूमि अधिग्रहण और स्त्रियों के विरुद्ध अत्याचार और यौन उत्पीड़न के मुद्दे शामिल हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ऑफिसरों पर 5 जनवरी को भीड़ द्वारा धावा किया गया था जब वे कथित राशन वितरण भ्रष्टाचार मुद्दे में अब निलंबित तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेता शाहजहां शेख के परिसर की तलाशी के लिए संदेशखाली गए थे. उच्चतम न्यायालय ने 15 अप्रैल को लोकसभा सचिवालय और अन्य को संसद के निचले सदन की विशेषाधिकार समिति द्वारा तलब किए जाने के विरुद्ध पश्चिम बंगाल के शीर्ष नौकरशाहों द्वारा दाखिल याचिका पर अपना उत्तर दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया था.

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