राष्ट्रीय

पीएम मोदी ने द्वारकाधीश मंदिर में की पूजा-अर्चना

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के द्वारका में समुद्र में गहरी डुबकी लगाई और द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना की जैसे ही प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की स्कूबा गियर पहनने और जलमग्न द्वारका शहर में पूजा करने की फोटोज़ सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं, इसने नेटिज़न्स को चौंका दिया कई लोगों ने ईश्वर कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर प्रशंसा की, जबकि अन्य ने कई हिंदू पूजा स्थलों का कायापलट सुनिश्चित करने के लिए उनकी गवर्नमेंट के संकल्प की सराहना की

 

एक्स पर अपना अनुभव साझा करते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी लिखा, ”पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्‍वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ ईश्वर श्रीकृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें

<img class="alignnone wp-image-537689″ src=”https://www.newsexpress24.com/wp-content/uploads/2024/02/newsexpress24.com-download-2024-02-26t094556.500.jpg” alt=”” width=”1331″ height=”748″ />

विशेष रूप से, द्वारका हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्व रखता है, क्योंकि ऐसा बोला जाता है कि इस पौराणिक शहर पर स्वयं ईश्वर कृष्ण का शासन था प्रचलित मान्यता के अनुसार, ईश्वर कृष्ण के पृथ्वी से चले जाने के बाद भूमि समुद्र द्वारा निगल ली गई थी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज की द्वारकाधीश की गहरी यात्रा को अपना लंबे समय से पोषित सपना बताया

उन्‍होंने बोला कि मैं हमेशा वहां जाने और प्राचीन द्वारका शहर के अवशेषों को छूने के लिए उत्सुक था प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, मैं आज भावनाओं से भरा हुआ हूं दशकों पुराना सपना आज पूरा हो गया

मोदी आर्काइव एक्स हैंडल ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का खाका भी कृष्ण की भूमि से रखा गया था और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी भी उस बैठक का हिस्सा थे एक्स हैंडल का बोलना है कि1991 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक बैठक वृंदावन में हुई थी और इसमें नरेंद्र मोदी ने भाग लिया था उस समय वह बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे थे और संघ के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में शामिल हुए थे

इस बैठक में आरएसएस ने अयोध्या में अपने राम जन्मभूमि आंदोलन को और तेज करने और अंततः देवता के जन्मस्थान पर एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया बाद के सालों में मुसलमान आक्रमणकारियों द्वारा छीन लिए गए ईश्वर राम भक्तों के ‘अधिकार’ को बहाल करने के लिए एक बड़ा आंदोलन देखा गया मथुरा में इस ‘धर्म संसद’ के बाद विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) ने कारसेवा फिर से प्रारम्भ की, जिससे घटनाओं की एक श्रृंखला प्रारम्भ हुई

भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या आज तरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोर रही है और राष्ट्र और पूरे विश्व से आगंतुकों को आकर्षित कर रही है लाखों ईश्वर राम भक्त और आम तौर पर हिंदू सदियों पुराने दलदल को समाप्त करने में सहायता के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को श्रेय देते हैं

अयोध्या के भव्य परिसर में राम लला की स्थापना को 500 वर्ष पुराने सपने की परिणति के रूप में देखा जाता है और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को वह आदमी माना जाता है, जिन्होंने ‘भगवान राम को उनके योग्य जगह पर पहुंचाया’ ईश्वर कृष्ण के ‘भक्तों’ को भी मोदी गवर्नमेंट से अतीत की गलतियों को सुधारने और कृष्ण जन्मभूमि के ‘मूल चरित्र’ को बहाल करने की बहुत उम्मीदें हैं

चुनाव निकट आने के साथ, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की द्वारकाधीश मंदिर की यात्रा को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है, कई लोगों का मानना है कि यह एक साफ संदेश है कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘तीसरे कार्यकाल’ के दौरान कृष्ण जन्मभूमि का जीर्णोद्धार एक प्रमुख एजेंडा होगा कुछ लोग इसे आधारहीन अटकलें कहकर खारिज कर सकते हैं, लेकिन बीजेपी के घोषणापत्र और देशभर के मंदिर गलियारों पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का पर्सनल ध्यान दिखाता है कि ‘गति अभी प्रारम्भ हुई है’

 

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