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पीएम मोदी मन की बात : 26 जनवरी की परेड बहुत अद्भूत रही – पीएम मोदी

नई दिल्ली: आज प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी मन की बात कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं मन की बात कार्यक्रम का ये वर्ष का पहला एपिसोड है, जिसके जरिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों से रूबरू हो रहे हैं मन की बात कार्यक्रम का यह 109वां एपिसोड है, जिसमें प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी मन की बात कर रहे हैं उन्होंने बोला कि अमृतकाल में नयी उमंग है, नयी तरंग है इस वर्ष संविधान के भी 75 साल हुए और उच्चतम न्यायालय के भी 75 साल पूरे उन्होंने बोला कि संविधान के मूल प्रति के तीसरे अध्याय में लोगों के मूल अधिकारों का वर्णन किया गया है दिलचस्प बात ये है कि तीसरे अध्याय के प्रारंभ में ईश्वर राम, माता सीता और लक्ष्मण के चित्रों को जगह दिया गया है संविधान निर्माताओं के लिए भी ये प्रेरणा का साधन था

पीएम मोदी ने बोला कि मेरी अपील पर मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक लोगों ने श्रद्धा रेट से धार्मिक स्थानों की सफाई की, ये भावना रुकनी नहीं चाहिए सामूहिकता की यही शक्ति राष्ट्र को सफलती की नयी ऊचाई पर पहुंचाएगी उन्होंने बोला कि इसमें सबसे अधिक चर्चा विमेन वापर की हुई सभी झाकियों में स्त्री कलाकार शामिल थीं डीआरडीओ की झांकी ने भी सभी का ध्यान खींचा, जिसमें दिखाया गया कि कैसे नारी शक्ति हर क्षेत्र में राष्ट्र की सुरक्षा कर रही है 21 वीं सदी का हिंदुस्तान ऐसे ही मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है

पीएम मोदी ने आगे बोला कि अर्जुन अवार्ड में कई होनहार खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया इसमें सबका ध्यान स्त्री खिलाड़ियों ने खींचा इन एथलीटों ने कई बड़े टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया और हिंदुस्तान का परचम लहराया बदलते हुए हिंदुस्तान में हर क्षेत्र में हमारी बेटियां कमाल कर रही हैं इनके अतिरिक्त सेल्फ हेल्प ग्रुप के क्षेत्र में भी महिलाएं परचम लहरा रही हैं वो दिन दूर नहीं जब गांव-गांव और खेतों में नमो ड्रोन दीदियां खेती करती दिखाई देंगीं

पद्म पुरष्कार पाने वालें लोगों के बारे में बात करते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि तीन दिन पहले ही पद्म पुरस्कारों का घोषणा किया गया है इसमें ऐसे लोगों का नाम था, जिन्होंने जमीन से जुड़कर काम किया है मीडिया की हेडलाइन से दूर, ये लोग बिना किसी लाइमलाइट के समाज सेवा में जुटे थे पहले इन लोगों के बारे में शायद ही देखने को मिला, लेकिन अब पद्म सम्मान घोषित होने के बाद लोग इन लोगों के बारे में जानने के लिए अधिक से अधिक उत्सुक है इसमें 30 महिलाएं हैं, जो जमीनी स्तर पर अपने कार्यों से राष्ट्र और समाज को आगे ले जा रही हैं  पिछले एक दशक में पद्य सम्मान देने का सिस्टम पूरी तरह से बदल गया है लोगों के पास स्वयं को भी नॉमिनेट करने का ऑप्शन दिया गया है इससे वर्ष 2014 के बाद से अब तक 28 फीसदी अधिक नॉमिनेशन प्राप्त हुए हैं

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