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बजट पर पड़ी गहलोत की छाया, सरकार का बजट बनाने वालों ने ही बनाया नया बजट

राजस्थान की नयी भजनलाल गवर्नमेंट का पहला बजट ही अफसरों की कारस्तानी का नमूना बन गया उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी से बजट में वे घोषणाएं भी करवा दी गईं, जो पिछली गहलोत गवर्नमेंट के समय से ही लागू हैं और संबंधित विभाग की वेबसाइट पर इसके सर्कुलर भी उपस्थित हैं

 

बजट की बिंदू संख्या 47 के पैरा संख्या 2 में घोषणा की गई है कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े इसे देखते हुए रिटायरमेंट के दिन ही पेंशन परिलाभ और पारिवारिक पेंशन की स्वीकृतियां औनलाइन जारी कर दी जाएंगी पेंशनर्स को घर से ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने की सुविधा दी जाएगी

12 दिसंबर 2022 को ही जारी हो चुके आदेश

गौरतलब है कि इस संबंध में आदेश पिछली गहलोत गवर्नमेंट में 12 दिसंबर 2022 को जारी हो चुके हैं किसी कार्मिक या अधिकारी के सेवानिवृत्त होने से 6 माह पूर्व ही संबंधित विभागाध्यक्ष द्वारा पेंशन प्रकरण विभाग को भिजवाए जाने के प्रावधान हैं ताकि कर्मचारियों को पेंशन परिलाभों की अधिकृतियां सेवानिवृत्ति के दिन ही मिल सके यह आदेश तत्कालीन सीएम के स्तर पर जारी हुए थे

इतना ही नहीं डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट औनलाइन सबमिट करने की सुविधा भी पिछली गवर्नमेंट में ही दी जा चुकी है और पेंशनर्स के पास घर अथवा ई-मित्र पर जाकर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट देने की सुविधा पहले से उपस्थित है

पिछली गवर्नमेंट का बजट बनाने वालों ने ही बनाया नया बजट

हैरानी की बात है कि नयी गवर्नमेंट की बजट घोषणा में ये बिंदू शामिल करने वाले अधिकारी वही हैं, जो पिछली गवर्नमेंट में बजट तैयार कर रहे थे ऐसे में इस बात की उन्हें अच्छे से जानकारी थी कि ये घोषणाएं पहले ही की जा चुकी हैं दरअसल कर्मचारी संगठनों की ओर से लगातार गवर्नमेंट को ज्ञापन दिए जा रहे हैं कि उनकी पेंशन, वेतन और अन्य परिलाभों से जुड़े भुगतान गवर्नमेंट में अटके पड़े हैं रिटायरमेंट के बाद पेंशन स्वीकृति जारी हुए महीनों बीत गए लेकिन वित्त विभाग के स्तर पर खातों में पैसे ट्रांसफर नहीं किए जा रहे हैं इसके चलते कई पेंशनर्स ने न्यायालय का रुख भी किया है

पेंशनर समाज के प्रदेश महामंत्री किशन शर्मा का बोलना है कि बजट में हमें कुछ नहीं मिला, बेकार की बातें है कोई नयी चीज नहीं दी जो घोषणाएं कीं उसके आदेश तो बहुत वर्ष पहले ही जारी हो चुके हैं

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