भाजपा राम मंदिर के बहाने अपनी और पीएम मोदी की कर रही मार्केटिंग :तेजस्वी यादव
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर बीजेपी और पीएम मोदी और अमतिशाह पर तंज कसते हुए बोला कि बीजेपी राम मंदिर के बहाने अपनी और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की मार्केटिंग कर रही है। बुधवार को मधुबनी के झंझारपुर में वे पूर्व सांसद रामदेव भंडारी की प्रतिमा का अनावरण के अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन के दौरान केंद्र गवर्नमेंट पर भड़कते हुए ये बातें कही। उन्होंने आगे बोला मौजूद लोगों से बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की नहीं, मामले की बात कीजिए। तभी राष्ट्र और सूबे का चहुंमुखी विकास होगा। मीडिया ने पीएम मोदी को राम का दर्जा दे दिया है। यह किसी भी दृष्टि से मुनासिब नहीं है।
तेजस्वी ने बोला बीमार पड़ने पर कहां जाते हैं मंदिर या अस्पताल
24 मिनट के अपने संबोधन में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए बोला कि श्रीराम ईश्वर हैं। ईश्वर श्रीराम अपनी प्रजा को खुश देखना चाहते थे। उन्होंने बोला कि लोगों को खुशियां गरीबी दूर करने और रोजगार देने से मिलती है। शिक्षा और स्वास्थ्य प्रबंध में सुधार करने से सूबे का चहुंमुखी विकास होगा। इसका फायदा यहां के आमलोगों को मिलेगा। उन्होंने सवालिया लहजे में बोला कि यदि आप बीमार होते हैं तो कहां जाते हैं। मंदिर या अस्पताल। उन्होंने बोला कि हम मंदिर विरोधी नहीं हैं। मेरी मां छठ उस समय से करती हैं जब मोदी जी को छठ का ज्ञान भी नहीं था।
रामदेव बाबू के बताये रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि
उन्होंने बोला कि जब दूध के दांत थे तभी से रामदेव बाबू को देखते आये हैं। वे बिहार या अन्य राज्य में आयोजित पार्टी कार्यक्रम में जरूरी रूप से शामिल होते थे। वे पार्टी के सच्चे सिपाही थे। उनके मृत्यु पर वह नहीं आ पाये थे। उसी की भरपाई के लिए आये हैं। यादव ने बोला कि स्व रामदेव बाबू के बताये रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वे सामाजिक इन्साफ के पुरोधा थे। उन्होंने बोला कि संविधान खतरे में है। लोकतंत्र की मर्डर हो रही है। जब लोकतंत्र की रक्षा और रोजगार की बात करते हैं, तो सीबीआइ और इडी को भेज दिया जाता है।
मोदी और साह से नहीं है मेरी लड़ाई, मेरी लड़ाई मामला से है
हमारी लड़ाई नरेंद्र मोदी और अमित साह से नहीं है। मेरी लड़ाई मामला से है। उन्होंने बोला कि मेरी वास्तविक दुश्मनी बेरोजगारी, महंगाई, फरेबी और असत्य से है। महागठबंधन लोगों को सामाजिक और आर्थिक इन्साफ दिलाना चाहता है। 1932 के बाद किसी भी राज्य में जाति आधारित गणना नहीं करायी गयी। बिहार पहला राज्य है जहां जाति आधारित गणना की गयी है। गणना की गयी है कि कौन भीख मांगता है, कौन भूमिहीन है और कौन बेरोजगार है। सामंतवादी और पूंजीपति राष्ट्र में विद्वेष फैलाना चाहते हैं। उन्होंने बोला कि भूमिहीन को जमीन खरीदने के लिए 1 लाख रुपए दिये जा रहे हैं। उन्हें पक्का भवन नहीं है उन्हें 1 लाख 20 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। बेरोजगारों को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
रीगा चीनी मिल चालू करने की हो रही पहल
यादव ने बोला कि दो लाख और सवा लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी किया गया है। पुलिस डिपार्टमेंट में भी 70 हजार की बहाली हुई है। वहीं स्वास्थ्य विभाग में 1 लाख 50 हजार लोगों को बहाल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साल 2025 तक 5 लाख से अधिक बेरोजगारों को जॉब दी जाएगी। रीगा चीनी मिल को चालू करने और किसानों का ऋण माफ करने की बात हो रही है। हेलीकॉप्टर से सभा स्थल पर वे 1 बजकर 28 मिनट पर पहुंचे। जहां उन्हें गार्ड आफ ऑनर दिया गया।