भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने रचा इतिहास
ISRO ने शनिवार को ‘आदित्य L1’ यान को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (L1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया गया है। इस उपलब्धि पर पीएम मोदी ने ISRO को शुभकामना दी।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भारत का पहला सौर अनुसंधान उपग्रह आदित्य-L1 अपने गंतव्य तक पहुंच गया। यह सबसे जटिल और मुश्किल अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक सरेंडर का प्रमाण है।” उन्होंने कहा, “मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में देश के साथ हूं। हम इन्सानियत की भलाई के लिए विज्ञान की नयी सीमाओं को पार करते रहेंगे।
इसरो के सौर मिशन आदित्य-L1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश करने पर इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, “आज का कार्यक्रम सिर्फ़ आदित्य-एल1 को परफेक्ट हेलो कक्षा में स्थापित करना था। इसलिए यह उच्च कक्षा की ओर बढ़ रहा था, लेकिन हमें इसमें थोड़ा सुधार करना पड़ा। तो अभी, हमारी गणना में, यह ठीक स्थान पर है। लेकिन हम अगले कुछ घंटों तक इस पर नजर रखेंगे कि यह ठीक स्थान पर है या नहीं। फिर यदि इसमें थोड़ा सा भी परिवर्तन हुआ तो हमें थोड़ा सुधार करना पड़ सकता है। हमें ऐसा होने की आशा नहीं है।”
उन्होंने कहा, “तस्वीरें पहले ही वेबसाइट पर डाल दी गई हैं। हमारे पास कण माप भी हैं, सूर्य से क्या निकल रहा है। फिर हमारे पास एक्स-रे माप भी हैं, जो कम ऊर्जा और उच्च ऊर्जा एक्स-रे माप में हैं। हमारे पास एक मैग्नेटोमीटर भी है, जो अंतरिक्ष चुंबकत्व क्षेत्र को देखता है, जो इन इजेक्शनों के कारण आ रहा है। सौर हवा मूलतः कण उत्सर्जन है जो हो रहा है। बहुत से लोग इस असर को समझने में रुचि रखते हैं। इसलिए हम आने वाले दिनों में बहुत सारे वैज्ञानिक परिणामों की आशा करते हैं। उपग्रह में बचे ईंधन से कम से कम पांच वर्ष के जीवन की गारंटी है।
उन्होंने कहा, “इसलिए यह हमारे लिए बहुत संतुष्टिदायक है क्योंकि यह एक लंबी यात्रा का अंत है। लिफ्ट-ऑफ से लेकर अब तक 126 दिन बाद यह आखिरी बिंदु पर पहुंच गया है। इसलिए आखिरी बिंदु तक पहुंचना हमेशा एक चिंताजनक क्षण होता है, लेकिन हम इसके बारे में बहुत आश्वस्त थे। तो जैसा संभावना व्यक्त किया गया था वैसा ही हुआ। हम बहुत खुश थे।
इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बोला था कि आदित्य L-1 शनिवार को दोपहर चार बजे L1 प्वाइंट पर पहुंचेगा। एल1 प्वाइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है और इस जगह से सूर्य की दूरी भी 15 लाख किलोमीटर ही है। आदित्य L1 उपग्रह को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पिछले साल 2 सितंबर को प्रक्षेपित किया गया था।