भारत, पाकिस्तान ने आज एक साथ परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची का किया आदान-प्रदान
नई दिल्ली/ इस्लामाबाद: हिंदुस्तान और पाक ने आज नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची का आदान-प्रदान किया। यह दोनों राष्ट्रों के बीच ऐसी सूचियों का लगातार 33वां आदान-प्रदान है, पहला आदान-प्रदान 01 जनवरी 1992 को हुआ था।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, हिंदुस्तान और पाक ने आज नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची का आदान-प्रदान किया, जो हिंदुस्तान और पाक के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के विरुद्ध हमले के निषेध पर समझौते के अनुसार शामिल हैं।
किस राष्ट्र के पास कितने परमाणु हथियार
दोनों राष्ट्रों के पास कितने परमाणु हथियार हैं। इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, क्योंकि कोई भी राष्ट्र ये नहीं बताता कि उसके पास कितने परमाणु हथियार हैं। हालांकि, फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट का अनुमान है कि दुनिया में सबसे अधिक परमाणु हथियार अमेरिका और रूस के पास हैं। इसके मुताबिक, हिंदुस्तान के पास 160 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाक के पास 165 हैं। चीन के पास 350 परमाणु हथियार हैं।
दोनों राष्ट्रों की ये परमाणु नीति
भारत ने पहली बार पीएम इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 18 मई 1974 को राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। हालांकि, ये परीक्षण सफल नहीं हो पाया था। इसके बाद जब अटल बिहारी वाजपेयी की गवर्नमेंट बनी तो 11 से 13 मई 1998 के बीच पोखरण में एक बार फिर परमाणु परीक्षण हुआ। इस दौरान पांच परमाणु परीक्षण किए गए।
अटल बिहारी वाजपेयी ने विरोध का दिया था जवाब
अमेरिका और चीन समेत दुनिया के कई राष्ट्रों ने इस पर विरोध जताई।अमेरिका ने हिंदुस्तान पर कई प्रतिबंध लगा दिए। विपक्षी पार्टियों ने भी घेरना प्रारम्भ कर दिया। इस पर संसद में तब के पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तर देते हुए कहा, ‘क्या आत्मरक्षा की तैयारी तभी होगी, जब खतरा होगा। यदि तैयारी पहले से हो तो आने वाले खतरे का खतरा भी दूर हो जाएगा।
‘नो फर्स्ट यूज’ की परमाणु नीति का ऐलान
भारत ने वर्ष 1999 में अपनी ‘नो फर्स्ट यूज’ की परमाणु नीति का घोषणा किया।इस घोषणा के मुताबिक, हिंदुस्तान कभी भी परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेगा। हिंदुस्तान सिर्फ़ परमाणु धावा होने की स्थिति में ही अपने हथियारों का इस्तेमाल करेगा। जबकि, पाक की ऐसी कोई नीति नहीं है।
ये केवल पाक पर ही निर्भर करता है कि उन्हें कब और किस स्थिति में परमाणु धावा करना है। बता दें कि पाक अक्सर परमाणु हमले की धमकी देता रहता है।