मणिपुर : इन लोगों को कर्फ्यू के दौरान आवाजाही की छूट
Manipur Violence: मणिपुर के पांचों घाटी जिले में एहतियाती तरीका के तौर पर मंगलवार शाम से एक बार फिर पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है। ऑफिसरों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चूराचांदपुर से कुछ किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में ‘कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) और उसकी स्त्री इकाई द्वारा बुधवार को सभी घाटी जिलों के लोगों से सेना के एक बैरिकेड को हटाने के आह्वान के मद्देनजर बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट में कर्फ्यू के घंटों में दी गई ढील खत्म कर दी गई है।
इन लोगों को कर्फ्यू के दौरान आवाजाही की छूट
इन जिलों में प्रतिदिन सुबह पांच बजे से लेकर शाम छह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी। जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में राज्य के सूचना एवं जन संचार मंत्री सपम रंजन ने कहा, “सरकार ने सीओसीओएमआई से छह सितंबर को तोरबुंग के पास फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड पर धावा बोलने की प्रस्तावित योजना को वापस लेने की अपील की है।” सपम ने सभी से “सरकार द्वारा उठाए गए सुरक्षा कदमों का समर्थन करने” का भी निवेदन किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, बिजली, पीएचईडी, पेट्रोल पंप, स्कूल/कॉलेज, नगर पालिका, मीडिया और न्यायालय जैसी जरूरी सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों तथा हवाई यात्रियों को कर्फ्यू के दौरान आवाजाही की छूट दी जाएगी।
30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने का किया था आग्रह
सीओसीओएमआई के मीडिया समन्वयक सोमेंद्रो थोकचोम ने बोला कि समिति ने पहले गवर्नमेंट और संबंधित ऑफिसरों से 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने का आग्रह किया था। लोगों से बैरिकेड पर धावा बोलने का आह्वान करते हुए थोकचोम ने बोला कि यदि कुछ अप्रिय घटना होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य गवर्नमेंट की होगी। क्षेत्रीय लोगों ने बोला कि फौगाकचाओ इखाई में बैरिकेड के कारण वे तोरबुंग में अपने घर नहीं जा पा रहे है, जिसे उन्होंने तीन मई को राज्य में जातीय अत्याचार भड़कने के बाद खाली कर दिया था।
कांग्रेस ने केंद्र और राज्य गवर्नमेंट पर निशाना साधा
कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति को लेकर बुधवार को केंद्र और राज्य गवर्नमेंट पर निशाना साधते हुए बोला कि पूर्वोत्तर के इस प्रदेश में अत्याचार का दौर जारी है, लेकिन ‘डबल इंजन’ गवर्नमेंट की नजरों में हालात सामान्य हैं। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र और राज्य गवर्नमेंट पर ऐसे समय में निशाना साधा है, जब मणिपुर के सभी पांच घाटी जिलों में मंगलवार शाम से एहतियाती तौर पर एक बार फिर पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है।
‘हिंसा का दौर चार महीने बाद भी जारी’
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “जी20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में हो रहा है, जबकि इंफाल घाटी के सभी पांच जिले अगले पांच दिनों के लिए पूर्ण कर्फ्यू में रहेंगे। अत्याचार का दौर चार महीने बाद भी जारी है, लेकिन मोदी गवर्नमेंट की ‘डबल इंजन’ गवर्नमेंट के लिए मणिपुर में हालात ‘सामान्य’ हैं।”
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद राज्य में मई की आरंभ में जातीय अत्याचार भड़क गई थी, जिसमें अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं। मणिपुर की जनसंख्या में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की जनसंख्या 40 फीसदी से कुछ अधिक है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।