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मुख्यमंत्री भजनलाल को लेकर निंबाराम का बड़ा बयान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने बोला कि पंडित दीनदयाल के जीवन पढ़ेंगे तो हमें समझ आता है कि बदलाव सिर्फ़ सत्ता के बल पर नहीं बल्कि समाज के बल पर होता है राजा वही होगा जो हमारे बीच से जाएगा, इसलिए अब जैसा राजा वैसी प्रजा नहीं बल्कि जैसी प्रजा वैसा राजा वाला समाज खड़ा करना होगा निंबाराम ने बोला कि सीएम भजनलाल शर्मा जैन संघ संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय का श्रेष्ठ उदाहरण है

जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 56वीं पुण्यतिथि पर धानक्या में “पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन की प्रासंगिक” विषय पर  व्याख्यानमाला हुई संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने बोला कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय ने जिस विचार का नेतृत्व किया है, उसमें मूल हिंदुस्तान की प्राचीन संस्कृति एवं परम्परा को यूगानुकूल बदलाव के साथ विजयी बनाने का प्रण शामिल है पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने व्यष्टि से समष्टि तक का चिंतन दिया

यह हिंदुस्तान का प्राचीन विचार है, हिंदुस्तान की विरासत है, जिसे आज की स्थिति में हम युगानुकूल कहते हैं हिंदुस्तान का विचार आधारित रचना बने ऐसा विजन 100 साल पूर्व संघ के रूप में शुरू हुआ
उन्होंने बोला कि पिछले जी-20 की थीम वसुदैव कुटुम्बकम के रूप में हिंदुस्तान की मूल संस्कृति को सम्पूर्ण विश्व के सामने प्रतिपादित करने का कार्य हुआ है उन्होंने समाज में सामाजिक समरसता एवं नागरिक अनुशासन को अपनाने, स्वदेशी वस्तुओं के साथ ही स्वत्व एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति रेट जाग्रत करने का आह्वान किया

उन्होंने बोला कि विश्वभर में अनेक विचारधाराएं चलती है लेकिन हिंदुस्तान विश्वगुरु कहलाया बीच के संघर्षकाल में हमारी रीतिया और अच्छाईयां रूढ़ियों में बदली लेकिन हिंदुस्तान के उस प्राचीन विचार को पुनः स्थापित करने का आधार आदमी है राष्ट्र में स्वाधीनता का संपूर्ण आंदोलन हमने स्व के आधार पर लड़ा स्वाधीनता प्राप्त होने की बात 75 सालों का हिसाब पुस्तक भी हमारे पास होना चाहिए राष्ट्र को आगे बढ़ाने की हमारी क्या योजना हो इसके लिए पंडित दीनदयाल जी के विचारों को आत्मसात करना है

शासन चलाने वाले सभी श्रेष्ठ जनों ने इसके लिए एक अभियान हमारे समक्ष रखा और वह है अमृतकाल  उन्होंने बोला कि पंडित दीनदयाल का अंत्योदय विचार राजस्थान में दिखता है अभी उन्होंने प्रदर्शनी में लगे एक चित्र के बारे में बताते हुए बोला कि रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह जब यहां दीनदयाल स्मारक पर आए थे तब सीएम भजनलाल शर्मा आगे पीछे दौड़ रहे थे आज वो ही भजनलाल शर्मा सीएम के पद पर है पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय का सबसे बड़ा उदाहरण इससे बढ़कर क्या हो सकता है

क्षेत्र प्रचारक ने बोला कि संविधान हमारे लिए सर्वोपरि है हम अक्सर संविधान में दिए गए अधिकारों की तो बात करते हैं, लेकिन उसमें बताए गए कर्तव्य की भी नागरिकों के बीच चर्चा होनी चाहिए हमें सोचना चाहिए कि आज जो बदलाव का भव्य वातावरण राष्ट्र में बना है उसमें हमारी किरदार क्या हो आज रामलाल के मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा हुई उससे हम सब में स्वाभिमान जगा लेकिन बदलाव का यह क्रम लगातार चलना चाहिए

उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान का चरित्र क्या होना चाहिए इसका अभी- अभी एक उदाहरण हम सब ने जी-20 में देखा विभिन्न राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया वहां पीछे नालंदा यूनिवर्सिटी का चित्र लगा था वहां योजना बनाने वालों ने यह नहीं सोचा कि खंडहर का चित्र दिखाने से बुरा लगेगा बल्कि विरासत के प्रति गर्व के रेट को दिखाया गया हमारे पूर्वज हमें क्या देकर गए इसका एक उदाहरण दिया

उन्होंने पर्यावरण संकट का विषय अभी संपूर्ण विश्व के लिए कठिनाई का विषय बना हुआ है लेकिन जो लोग हमें कहते थे कि तुम पेड़ों पर नदियों को पूजते हो आज हमारी दूर दृष्टि और उसके पीछे के वैज्ञानिक कारण दुनिया को दिख रहे हैं वृक्षारोपण, प्लास्टिक मुक्त हिंदुस्तान जल संरक्षण इसको लेकर हमें कदम बढ़ाने होंगे इसके साथ ही उन्होंने स्व की बात करते हुए वह पर्यावरण जागरूकता के ऊपर एक प्रेरक प्रसंग सुनाते हुए अपनी बात को विराम दिया

कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सीएम भजनलाल शर्मा, उप सीएम प्रेमचंद बैरवा, कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धनसिंह राठौड़, उद्योगपति राजेश गौतम, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष मोहनलाल छीपा, सचिव प्रताप भानू, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण ओंकारसिंह लखावत समेत अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थिति थे

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