राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर देश के बड़े मुस्लिम संगठनों ने किया बयान जारी
नई दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के कार्यक्रम को लेकर राष्ट्र के बड़े मुसलमान संगठनों ने बयान जारी किया है। इस बयान में राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर सरकारी सरपरस्ती पर प्रश्न खड़े किए गए हैं। बयान में लिखा गया है कि जिस तरह से कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और गवर्नमेंट कार्यक्रम कर रही है वह राष्ट्र के सेक्यूलर दस्तूर के विरुद्ध है। मुसलमान संगठनों ने लिखा है कि हम अपनी इस बात को बोलना चाहते हैं कि हम बाबरी मस्जिद से संबंधित उच्चतम न्यायालय के निर्णय से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि न्यायालय ने अपने निर्णय में इस बात को माना कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। इसके बावजूद भी न्यायालय ने केवल आस्था को बुनियाद बनाकर मस्जिद की स्थान मंदिर बनाने के लिए दे दी।
वर्शिप एक्ट का नहीं किया जा रहा पालन
मुस्लिम संगठनों ने आगे लिखा है कि हमें इस बात पर भी आपत्ति है कि 1991 वर्शिप एक्ट के कानून के बावजूद इस कानून को कठोरता से लागू नहीं किया जा रहा और अदालतें इस कानून को दरकिनार करके दूसरी मस्जिदों पर भी सुनवाई कर रही हैं। यह रवैया अदालती निजाम पर राष्ट्र की न्याय पसंद जनता के भरोसे को तोड़ने का कारण बन सकती है। ऐसे में राम मंदिर के कार्यक्रम में गवर्नमेंट का शामिल होना विवादित बन जाता है। कोई भी सेक्यूलर आदमी इसको पसंद नहीं करेगा। हम राष्ट्र के मुस्लिम और राष्ट्र की जनता से भी अपील करते हैं कि वह इन हालातों में अमन को बरकरार रखें। इन हालात से किसी को मायूस नहीं होना है और सब्र का दामन नहीं छोड़ना है। हम यह भी अपील करते हैं ऐसे मुद्दे में मीडिया में गैर जिम्मेदाराना बयान ना दें ना ही सोशल मीडिया में कुछ लिखे या फॉरवर्ड करें।
इन मुसलमान संगठनों के लोग रहे शामिल
यहां बता दें कि मुसलमान संगठनों में जमीयत उलेमा ए हिंद से मौलाना महमूद मदनी, जमात अहले हदीस से मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सेल्फी, जमात ए इस्लामी ए हिंद से मलिक मोहसिन और मकबूल अहमद और स्दातुल्ला हुसैनी, अहले सुन्नत कर्नाटक से मौलाना तनवीर हाशमी, वेलफेयर पार्टी ऑफ इण्डिया से कासिम रसूल इलियास, ऑल इण्डिया उलेमा ए मशाइक बोर्ड से मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ कछौचवी, एडिटर वार्ता भारती मंगलौर से अब्दुल सलाम, औरंगाबाद महाराष्ट्र से मुस्तफा फारूक, इमारत ए शरिया बिहार उड़ीसा झारखंड से मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी, धार्मिक जन मोर्चा से सलीम इंजीनियर, बेंगलुरु से मौलाना शब्बीर अहमद हसन नदवी शामिल हैं।