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राष्ट्रपति मुर्मू ने बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को किया संबोधित

संसद के बजट सत्र की आरंभ हो चुकी है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र की आरंभ के मौके पर लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. उन्होंने लगभग 74 मिनट के संबोधन में गवर्नमेंट के विजन और राष्ट्र में बीते 10 वर्ष की अवधि में हुए कामकाज का विस्तार से जिक्र किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र किया. इस पर सदन में उपस्थित सदस्यों ने मेज थपथपाकर बयान का स्वागत किया.

दो फरवरी से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यलवाद  प्रस्ताव पर चर्चा

अब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दो फरवरी को पेश किया जाएगा. दो फरवरी से दोनों सदनों में चर्चा प्रारम्भ होगी. सात फरवरी को पीएम धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देंगे. इससे पहले एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम या लेखा आर्थिक सहायता बजट लोकसभा में पेश करेंगी.

राष्ट्रपति ने अयोध्या और राम मंदिर का जिक्र किया, सांसदों ने दी बधाई

इससे पहले राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में राष्ट्र की रक्षा, विदेश और आर्थिक नीतियों का जिक्र किया. उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा, गवर्नमेंट विधायिका में आधी जनसंख्या का अगुवाई बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा, राम मंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से थी जो अब पूरी हुई है. बता दें कि यूपी के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम गत 22 जनवरी को हुआ. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम लला की उत्सव मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की. इस मौके पर देश-विदेश के लगभग आठ हजार मेहमान विशिष्ट मेहमान के तौर पर उपस्थित रहे.

जम्मू-कश्मीर, स्त्री आरक्षण और आर्थिक नीतियों पर भी बातें

अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने, औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों के जगह पर नए कानून बनाए जाने, नारी वंदन अधिनियम और गवर्नमेंट के कई अन्य कदमों का उल्लेख किया. उन्होंने ने बोला कि पूरे विश्व में गंभीर संकटों के बीच हिंदुस्तान सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है और लगातार पिछली दो तिमाही में राष्ट्र की विकास रेट साढ़े सात प्रतिशत रही.

 

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