शहीद दिवस के रूप में मनाई गई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि
उदयपुर । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मंगलवार को शहीद दिवस के रूप में मनाई गई। इस पर अवसर कलक्ट्रेट परिसर में श्रद्धाजंलि सभा हुई।
कलक्ट्रेट परिसर के मध्य स्थित उद्यान में ठीक सभी अधिकारी-कर्मचारी एकत्र हुए। जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल, एडीएम प्रशासन शैलेश सुराणा, एडीएम सिटी राजीव द्विवेदी, सीईओ जिला परिषद कीर्ति राठौड़ सहित सभी अधिकारियों-कर्मचारियों ने बापू की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्पाजंलि अर्पित कर आजादी की जंग में शहीद हुए सभी शहीदों को नमन किया। सेवा सदन के कलाकारों ने बापू के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाणे रे…।। सहित अन्य भजनों और रामधुन का गायन किया। इसके पश्चात दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। संचालन रेणु मोगरा ने किया।
जिले भर में हुए आयोजन
शहीद दिवस के अवसर पर जिले भर में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यक्रम हुए। सभी उपखण्ड और तहसील मुख्यालयों, विद्यालयों में महात्मा गांधी को नमन किया। रामधुन और बापू के प्रिय भजनों का गायन और श्रवण किया गया। साथ ही दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कुष्ठ निवारण की शपथ, जागरूकता रथ को दिखाई हरी झंडी
कार्यक्रम के दौरान जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल ने सभी कार्मिकों को उदयपुर जिले को स्पर्श कुष्ठ बीमारी मुक्त कराने तथा कुष्ठ मरीजों से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किए जाने की शपथ दिलाई। इसके पश्चात स्पर्श कुष्ठ बीमारी निवारण अभियान जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इससे पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर बामणिया ने जिले में कुष्ठ निवारण के लिए चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। इस दौरान बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
30 फीट लंबी पोस्टर प्रदर्शनी, 150 फीट की रोल बुक का विमोचन
शहीद दिवस के अवसर पर जिला कलक्टर पोसवाल ने उदयपुर निवासी दिनेश कुमार जैन की ओर से तैयार 30 फीट लंबी पोस्टर प्रदर्शनी का विमोचन किया। उक्त प्रदर्शनी में जैन ने महात्मा गांधी का संपूर्ण जीवन परिचय संजोया है।
कलक्टर ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए जैन के प्रयासों की सराहना की। इसके साथ ही जिला कलक्टर ने चंद्रप्रकाश चित्तौड़ा की ओर से तैयार 150 फीट लंबी रोल बुक का भी विमोचन किया। महात्मा गांधी की 150वें जयंती साल के मौजूद में तैयार उक्त बुक में चित्तौड़ा ने राष्ट्रपिता के चरित्र और कृतित्व के साथ ही स्वच्छ हिंदुस्तान अभियान को भी शामिल किया है।