शिवसेना विधायकों से जुड़ी अयोग्यता याचिकाओं पर इस दिन फैसला सुनाएंगे विस स्पीकर राहुल नार्वेकर
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और कई अन्य विधायकों के विरुद्ध दाखिल अयोग्यता याचिकाओं (MLA Disqualification Case) पर अपना निर्णय 10 जनवरी को सुनाएंगे। यह जानकारी विधान भवन के ऑफिसरों ने सोमवार को दी। शिंदे के नेतृत्व में विधायकों की बगावत के चलते जून 2022 में शिवसेना विभाजित हो गई थी।
उच्चतम कोर्ट ने निर्णय सुनाने की समय-सीमा 31 दिसंबर, 2023 तय की थी, लेकिन उससे कुछ दिन पहले 15 दिसंबर को शीर्ष न्यायालय ने अवधि को 10 दिन बढ़ाकर निर्णय सुनाने के लिए 10 जनवरी की नई तारीख तय की। जून 2022 में, शिंदे और कई अन्य विधायकों ने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के विरुद्ध उपद्रव कर दिया था, जिसके कारण शिवसेना में विभाजन हो गया और महा विकास आघाड़ी गवर्नमेंट गिर गई थी।
महा विकास आघाडी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी और कांग्रेस पार्टी भी शामिल थी। शिंदे और ठाकरे गुटों द्वारा दलबदल रोधी कानूनों के अनुसार एक दूसरे के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाएं दाखिल की गईं। विधान भवन के ऑफिसरों ने कहा, ‘‘फैसला 10 जनवरी को शाम 4 बजे के बाद आने की आशा है। विधानसभा अध्यक्ष का कार्यालय निर्णय को आखिरी रूप दे रहा है।”
उन्होंने कहा, ‘‘फैसले का जरूरी हिस्सा उस दिन सुनाए जाने की आसार है, जबकि विस्तृत आदेश बाद में दोनों समूहों को दिया जाएगा।” दोनों गुटों के पदाधिकारियों ने बोला कि विधानसभाध्यक्ष के प्रतिकूल निर्णय की स्थिति में वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।
जून 2022 में उपद्रव के बाद शिंदे बीजेपी के समर्थन से सीएम बने थे। पिछले वर्ष जुलाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी का अजित पवार गुट उनकी गवर्नमेंट में शामिल हो गया था। निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘शिवसेना’ नाम और ‘तीर धनुष’ चुनाव चिह्न दिया, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना (यूबीटी) नाम और चुनाव चिह्न ‘जलती हुई मशाल’ दिया गया।