सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आ रहे निवेशकों को मिलना चाहिए उपयुक्त माहौल एवं प्रोत्साहन :सीएम भजनलाल
जयपुर, । सीएम भजनलाल शर्मा ने बोला कि विभिन्न
जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन को राहत देने के लिए ऊर्जा उत्पादन
में आत्मनिर्भरता अत्यंत जरूरी है। राज्य गवर्नमेंट हेतु जनहित सर्वोपरि
है। उन्होंने बोला कि वर्तमान में हमारी बिजली कम्पनियों पर लगभग 90 हजार
करोड़ का कर्ज है। बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा इस कर्ज को चुकाने में जा रहा है।
जबकि राज्य को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अकूत प्राकृतिक सम्पदा प्राप्त
है। इस क्षेत्र में मुनासिब नीति निर्माण एवं क्रियान्वयन से ऊर्जा विभाग
राज्य के विकास एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु वृहद स्तर पर संसाधन एवं रोजगार
सृजित कर सकता है।
मुख्यमंत्री सोमवार को
मुख्यमंत्री कार्यालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे
थे। उन्होंने ऑफिसरों को निर्देशित करते हुए बोला कि वे राज्य की ऊर्जा
आवश्यकताओं को देखते हुए भविष्य का रोडमैप तैयार करें। विभाग का ध्यान
आंकड़ों की हेर-फेर की बजाय असली एवं ठोस रिज़ल्ट देने पर केन्द्रित हो।
साथ ही, वे जनता की समस्याओं को समझते हुए संवेदनशीलता के साथ कार्य करे।
उन्होंने बोला कि आमजन को बिजली सस्ती रेट पर एवं सुचारू रूप से मिले यह
सुनिश्चित किया जाए। रबी की फसल को देखते हुए किसानों के लिए यह समय अत्यंत
महत्वपूर्ण है। उन्हें बिना रुकावट विद्युत आपूर्ति मिले।
शर्मा ने बोला कि पिछले सालों में विभिन्न कारणों से छत्तीसगढ़ स्थित
राजस्थान को आंवटित कोयला खदानों से आपूर्ति बाधित रही थी। अब बेहतर समन्वय
के द्वारा राज्य को वहां से कोयला आपूर्ति में कोई परेशानी नहीं होगी।
ऊर्जा विभाग को अपनी सभी विद्युत उत्पादक इकाईयों के कारगर संचालन एवं
विद्युत वितरण का कार्य सुचारू रूप से करना होगा। इकाईयों के रख-रखाव एवं
संचालन में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही, कारगर मॉनिटरिंग
के द्वारा बिजली छिजत की परेशानी का भी निराकरण करना होगा।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में असीम संभावनाए
मुख्यमंत्री
ने बोला कि राजस्थान के पास राष्ट्र का सबसे बड़ा लैण्ड-बैंक है। सौर ऊर्जा के
क्षेत्र में राज्य में असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने बोला कि सौर ऊर्जा के
क्षेत्र में आ रहे निवेशकों को उपयुक्त माहौल एवं प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
साथ ही, इस क्षेत्र में होने वाले एमओयू में प्रदेश एवं प्रदेशवासियों के
हितों को केन्द्र में रखा जाना चाहिए। संयत्रों में प्रयुक्त होने वाली
मशीनरी का निर्माण राज्य में हो, इस हेतु भी नीति निर्माण होना चाहिए।
केन्द्र गवर्नमेंट द्वारा संचालित पीएम कुसुम योजना का फायदा अधिकतम लोगों तक
पहुंचे इस दिशा में कार्य होना चाहिए। राज्य में सरकारी भवनों, आवासीय
बिल्डिंगों आदि की छतों पर भी सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित करने हेतु आवश्यक
प्रयास किए जाए ताकि प्रदेश ऊर्जा आपूर्ति में आत्मनिर्भर हो सके एवं
पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिले।
इस दौरान
उन्होंने राज्य में बिजली की मांग एवं आपूर्ति के बीच की कमी को पूरा करने
एवं कारणों का विस्तृत शोध करने हेतु ऑफिसरों को गाइड लाइन दिए।