कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान और अडाणी समूह के मामले को लेकर इन दिनों संसद में ...

कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान और अडाणी समूह के मुद्दे को लेकर इन दिनों संसद में गतिरोध है। तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) इस सत्र में कांग्रेस पार्टी (Congress) और दूसरे विपक्षी दलों से अलग खड़ी नजर आती है। यही नहीं, तृणमूल कांग्रेस पार्टी और सपा (SP) तीसरे मोर्चे की पैरवी करते भी दिख रहे हैं। इन्हीं बिंदुओं पर पेश हैं कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) से पांच प्रश्न और उनके जवाब:
सवाल: जेपीसी की मांग पर विपक्ष में मतभेद क्यों है, खासकर तृणमूल कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) का रुख कांग्रेस पार्टी से अलग नजर आता है?
जवाब: मतभेद नहीं है। टीएमसी हमारे साथ नहीं है, उनके अपने कारण होंगे, हम उस बारे में कुछ नहीं कहेंगे। राकांपा ने प्रवर्तन निदेशालय को भेजे गए पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया था। उन्होंने इस बारे में पहले ही बता दिया था कि वे इसके समर्थन में हैं, लेकिन वे पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। 16 पार्टियां हैं, जो एकजुट होकर JPC (संयुक्त संसदीय समिति) की मांग कर रही हैं। पीएम JPC का गठन करने में क्यों हिचकिचा रहे हैं… यदि कुछ छिपाना नहीं है, नीयत साफ है, तो पीएम जेपीसी का गठन करें। आखिर इस जेपीसी में अध्यक्ष बीजेपी का होगा, उनकी पार्टी के सदस्यों की संख्या भी अधिक होगी, फिर सत्ता पक्ष को इतनी घबराहट क्यों है?
सवाल: संसद में गतिरोध के बीच कुछ जानकारों की राय है कि ब्रिटेन में दिए बयान से जुड़े टकराव का राहुल गांधी की छवि पर प्रतिकूल असर हुआ है, आपका क्या बोलना है?
जवाब: बीजेपी कठिनाई में है, बौखलाई हुई है, क्योंकि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की कामयाबी से न केवल कांग्रेस पार्टी पार्टी, बल्कि राहुल गांधी की छवि में भारी बदलाव आया है। यह यात्रा हमारे लिए और हमारे संगठन के लिए ‘बूस्टर डोज़’ साबित हुई है। लोग राहुल गांधी जी को नए नजरिये और अंदाज से देख रहे हैं। इसलिए राहुल गांधी जी और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए यह कोशिश फिर से किया जा रहा है। यह बीजेपी की रणनीति है।
सवाल: राहुल गांधी ने लंदन में जो बोला है, उसे लेकर बीजेपी का बोलना है कि उन्होंने हिंदुस्तान में अमेरिका और यूरोप से हस्तक्षेप का आग्रह किया है?
जवाब: राहुल गांधी जी के बयान का वीडियो है, आप उसे सुन सकते हैं, देख सकते हैं। उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा, हस्तक्षेप शब्द का उपयोग नहीं किया। उन्होंने केवल यही बोला कि हमारे राष्ट्र में लोकतंत्र मजबूत होना चाहिए, यदि हिंदुस्तान में लोकतंत्र मजबूत होगा, तो इसका लाभ न केवल हिंदुस्तान को, बल्कि पूरी दुनिया को होगा। जो लोग आरोप लगा रहे हैं, वे पूरी तरह से असत्य बोल रहे हैं। यह केवल ध्यान भटकाने की प्रयास है। राहुल गांधी ने कभी ऐसा कोई बयान दिया ही नहीं।
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सवाल: टीएमसी और समाजवादी पार्टी जैसी कुछ विपक्षी पार्टियां ‘तीसरे मोर्चे’ की पैरोकारी करती नजर आ रही हैं, क्या यह विपक्षी एकता के लिए झटका नहीं है?
जवाब: टीएमसी, सपा या अन्य दलों के लोग मिलते रहेंगे, थर्ड फ्रंट (तीसरा मोर्चे), फोर्थ फ्रंट (चौथा मोर्चा) बनता रहेगा, लेकिन विपक्ष में कांग्रेस पार्टी का होना महत्वपूर्ण है। यदि विपक्ष का कोई गठबंधन बनता है, तो उसमें कांग्रेस पार्टी की मुख्य किरदार होगी। कांग्रेस पार्टी के बिना कोई भी मोर्चा असंभव है। लेकिन, इस बारे में बात करना बहुत जल्दबाजी है। अभी कर्नाटक का चुनाव है, उसके बाद तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के चुनाव हैं।
इस वर्ष हम पूरी तरह से राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त रहेंगे, 2024 के लोकसभा चुनाव के बारे में हम बाद में देखेंगे। अभी तो बैठकें होती रहेंगी, ‘पोजीशनिंग’ (रुख जाहिर करना) होती रहेगी कि मैं थर्ड फ्रंट करूंगा, मैं फोर्थ फ्रंट करूंगी, मैं फिफ्थ फ्रंट करूंगा, ये सब चलता रहेगा।
सवाल: ‘तीसरे मोर्चे’ की इस कवायद को लेकर कांग्रेस पार्टी का आगे क्या कदम होगा?
जवाब: किसी भी विपक्षी गठबंधन में मजबूत कांग्रेस पार्टी का होना महत्वपूर्ण है, लेकिन कांग्रेस पार्टी की अहमियत अभी कर्नाटक चुनाव और फिर अन्य राज्यों के चुनाव हैं। 2024 के चुनाव के बारे में जो भी रणनीति तैयार करनी है, पार्टियों से वार्ता करनी है, वो हमारे अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और हमारे वरिष्ठ नेता करेंगे।