यह 7वां मामला है जिसमें जमानत पर बाहर हैं राहुल गांधी

नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस). कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी को अप्रैल 2019 में उनकी कथित मोदी सरनेम टिप्पणी पर उनके विरूद्ध आपराधिक मानहानि के मुद्दे में दोषी ठहराए जाने और दो वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद गुजरात की सूरत जिला न्यायालय ने गुरुवार को जमानत दे दी.
सूत्रों के मुताबिक, यह 7वां मामला है जिसमें गांधी जमानत पर बाहर हैं. राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मुद्दे में भी जमानत पर बाहर हैं. राहुल गांधी को उनकी मां सोनिया गांधी के साथ दिसंबर 2015 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा चलाए गए मुद्दे में 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई थी.
6 जुलाई 2019 को राहुल गांधी को पटना की एक न्यायालय ने मानहानि के एक अन्य मुद्दे में जमानत दे दी थी. यह मामला बीजेपी के एक नेता द्वारा सभी मोदी चोर हैं कहने वाली टिप्पणी के लिए पंजीकृत किया गया था.
12 जुलाई, 2019 को गांधी को अहमदाबाद की एक न्यायालय ने मानहानि के मुद्दे में जमानत दे दी थी. यह मामला अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक द्वारा उस समय पंजीकृत कराया गया था जब गांधी ने आरोप लगाया था कि बैंक नोटबंदी के दौरान बैंक नोटों की अदला-बदली के घोटाले में शामिल था.
4 जुलाई, 2019 को राहुल को आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा पंजीकृत मानहानि के मुद्दे में मुंबई की एक न्यायालय ने जमानत दे दी थी. कार्यकर्ता गौरी लंकेश की मर्डर को बीजेपी-आरएसएस विचारधारा से जोड़ने वाली उनकी टिप्पणी के लिए यह मामला पंजीकृत किया गया था. न्यायालय ने राहुल गांधी को जमानत 15 हजार रुपए के मुचलके पर दी थी.
नवंबर 2016 में, महाराष्ट्र की भिवंडी न्यायालय ने आरएसएस के एक अन्य कार्यकर्ता द्वारा पंजीकृत एक अन्य मुद्दे में गांधी को जमानत दे दी थी. राहुल गांधी ने बोला था कि आरएसएस ने महात्मा गांधी की मर्डर की है. यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने भी राहुल को ऐसी टिप्पणियों के लिए फटकार लगाई थी, और निर्णय सुनाया था कि उन्हें मुकदमे का सामना करना होगा और न्यायालय में अपनी बात साबित करनी होगी.
गुवाहाटी न्यायालय ने आरएसएस द्वारा पंजीकृत एक और मानहानि मुद्दे में राहुल गांधी को जमानत दी थी. राहुल को सितंबर 2016 में 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई थी. राहुल के असत्य बोलने के बाद मामला पंजीकृत किया गया था कि उन्हें आरएसएस द्वारा दिसंबर 2015 में असम के बारपेटा सत्र में प्रवेश करने से रोका गया था.