तमिलनाडु के नीलगिरी में पिछले 40 दिनों में छह बाघ शावकों समेत 10 बाघों की मौत
नीलगिरी। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के नीलगिरी जिले (Nilgiri District) के वन क्षेत्रों में बाघों की मौतें बढ़ रही हैं। यहां पिछले 40 दिनों में छह बाघ शावकों समेत 10 बाघों की मृत्यु हो चुकी है, जिसके चलते वन विभाग में हड़कंप मच गया। वन विभाग के अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। नेशनल टाइगर कमीशन की टीम ने सोमवार को नीलगिरि जिले का दौरा किया।
क्राइम ब्रांच आईजी मुरली कुमार ने कहा, “नीलगिरि जिले में पिछले 40 दिनों में छह बाघ शावकों सहित 10 बाघों की मृत्यु हो गई है। नेशनल टाइगर कमीशन की टीम ने आज जांच के लिए नीलगिरि जिले का दौरा किया।”
भूख से शावकों की मौत
बता दें कि पिछले महीने 16 अगस्त को सिगुर में दो बाघ शावकों की भूख से मृत्यु हो गई थी। जबकि, 17 अगस्त को मदुरा में और 31 अगस्त को मुदुमलाई में एक बाघ की मृत्यु हो गई। वहीं, 9 सितंबर को हिमस्खलन क्षेत्र में दो बाघों को जहर देकर मार डाला गया था। 19 सितंबर को चिन्नाकुन्नूर क्षेत्र में 4 बाघ शावकों की भूख से मृत्यु हो गई।
वन ऑफिसरों की ढिलाई के चलते बाघों की मौत
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाघों की मृत्यु वन ऑफिसरों की ढिलाई के कारण हो रही है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है और इसकी पुष्टि भी नहीं हुई है। वन विभाग के ऑफिसरों ने बोला है कि मृत शावक के DNA का उनके पास उपस्थित अन्य बाघों के DNA से तुलना कर मादा बाघ की पहचान करने का कोशिश किया जा रहा है।
नीलगिरि में 65% वन क्षेत्र
गौरतलब है कि नीलगिरि में 65 फीसदी वन क्षेत्र है और इसी वजह से यहां जंगली जानवर आवाजाही करते रहते हैं। नीलगिरि वन के एवलांच एमराल्ड विलेज क्षेत्रों में बाघों की संख्या विशेष रूप से अधिक है। इसमें आनुवंशिक गुनाह वाले दो सफेद बाघ भी शामिल हैं।