23 साल पहले 22 दिसंबर, 2000 शुक्रवार की रात लाल किले में घुस गए थे 6 आतंकी, जानें हमले की पूरी जानकारी
आज से ठीक 23 वर्ष पहले 22 दिसंबर, 2000 शुक्रवार की रात करीब 9 बजकर 5 मिनट पर दिल्ली का लाल किले पर इंडियन आर्मी की राजपूताना राइफल्स के बेस कैंप को निशाना बनाने वाले थे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ‘फिदायीन’। लाल किले के परिसर में हर रोज होने वाले ‘लाइट एंड साउंड’ प्रोग्राम के बाद उस दिन हमलावरों ने राजपूताना राइफल्स के बेस कैंप पर धावा कर दिया था। कैंप के अंदर से उठने वाली गोलियों की तड़तड़ाहट भरी आवाजों ने दिल्ली को भय में धकेल दिया था।
हमले में सैनिक सहित 3 लोग मारे गए थे। जिसकी FIR उत्तरी दिल्ली के थाना कोतवाली में लिखी गई थी। पड़ताल में जुटी दिल्ली पुलिस को मौके से कागज की एक पर्ची मिली जिसपर एक मोबाइल नंबर लिखा था। इसके अतिरिक्त कई A K 56 राइफलें, जिंदा हथगोले और एक रस्सी भी पुलिस ने बरामद की थी। इन सब चीजों में पुलिस के लिए सबसे अधिक कारगर साबित हुई वो पर्ची जिसपर नम्बर लिखा था।
मोबाइल नंबर की सहायता से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर डीडीए जनता फ्लैट पर छापा मारा। यहां पुलिस को मिला हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तानी आतंकी मो। अशफाक उर्फ मोहम्मद आरिफ। फ्लैट में पुलिस को एक महिला रहमाना युसुफ फारुखी भी मिली, जिसे अशफाक अपनी बीबी बता रहा था। रहमाना युसुफ फारुखी भी उसे अपना शौहर बताती थी।
बताया जाता है कि अशफाक और रहमाना की विवाह एक षड्यंत्र के अनुसार ही की गई थी। आतंकवादियों को हिंदुस्तान में हमले को अंजाम देने के लिए एक अदद महिला की आवश्यकता महसूस हुई थी, ताकि यहां छिपने का व्यवस्था हो सके। इसके लिए अशफाक ने बाकायदा भारतीय लड़की से विवाह के लिए हिंदुस्तान के प्रसिद्ध अखबार में विवाह का विज्ञापन देकर रहमाना युसुफ के साथ विवाह पढ़वा लिया। हालांकि, इस मुद्दे में रहमाना फारुखी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बा-इज्जत बरी कर दिया।