कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को कर दिया गया रिहा
कतर में मृत्यु की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसेना ऑफिसरों को रिहा कर दिया गया है। इनमें से 7 लोग घर लौट आए हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। भारतीय नौसेना में करीब 20 वर्ष तक सेवा देने वाले 8 अधिकारी कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। उन सभी 8 लोगों को अक्टूबर 2022 में वहां पनडुब्बी की जासूसी करने के इल्जाम में अरैस्ट किया गया था।
मामले की जांच के बाद राष्ट्र की न्यायालय ने अक्टूबर 2023 में सभी 8 लोगों को मृत्यु की सजा सुनाई। इसके बाद, विदेश मंत्रालय उनके परिवारों के निवेदन को स्वीकार करने और राजनयिक और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए आगे आया। तदनुसार, 8 हिंदुस्तानियों को दी गई मृत्यु की सजा के विरुद्ध राष्ट्र के हाई कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी।
इस बीच, पिछले वर्ष के अंत में दुबई में आयोजित सीओपी 28 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रधान मंत्री मोदी ने कतर के राजकुमार शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की और बात की। उस समय उन्होंने 8 हिंदुस्तानियों की मृत्यु की सज़ा पर पुनर्विचार करने का निवेदन किया था। वहीं इस संबंध में दोनों पक्षों के उच्च अधिकारी लगातार वार्ता करते रहे।
अपील याचिका पर निर्णय पूरा होने के बाद उच्च न्यायालय ने पिछले दिसंबर में अपना निर्णय सुनाते हुए 8 लोगों की मृत्यु की सजा को घटाकर जेल में बदल दिया। हालाँकि, कारावास की अवधि का विवरण खुलासा नहीं किया गया है। ऐसे में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व ऑफिसरों को भी कारावास से रिहा कर दिया गया है। उनमें से सात कल सुबह हिंदुस्तान लौट आए। जब वे दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे, तो उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। इससे उनके परिवार खुश हैं। इसे पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र गवर्नमेंट की कूटनीति की जीत बताया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बोला गया, कतर कारावास से 8 हिंदुस्तानियों की रिहाई स्वागत योग्य है। कतर गवर्नमेंट के इस कदम की सराहना। कतर की कारावास से छूटकर दिल्ली लौटे एक शख्स ने बोला कि यदि पीएम मोदी ने कोशिश नहीं किया होता तो हम जिंदा वापस नहीं लौटते। मैं उनका आभारी हूं। एक अन्य अधिकारी ने बोला कि हम 18 महीने बाद घर वापस आये हैं। हम घर वापसी के लिए कदम उठाने के लिए पीएम मोदी के आभारी हैं।खबर है कि बर्नेंदु तिवारी ही दोहा में हैं और वह जल्द ही हिंदुस्तान लौटेंगे।