आईआईटी मद्रास के छात्रों की एक टीम ने गंदगी साफ करने वाला बनाया एक रोबोट
लाइव हिंदी समाचार :- आईआईटी मद्रास के विद्यार्थियों की एक टीम ने गंदगी को साफ करने वाला एक रोबोट बनाया है। इस रोबोट ने चेन्नई में आयोजित एक प्रतियोगिता में इतनी तेजी से सफाई की कि वह एशिया और इण्डिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स के प्रतिनिधियों के सामने कीर्तिमान बनाने में सफल रहा। शोधकर्ताओं का बोलना है कि इससे साफ-सफाई को बढ़ावा मिलने के साथ स्वच्छता मिशन को भी मजबूती मिलेगी।
मात्र 15 मिनट में 850 वर्गफुट जमीन की सफाई
क्या गंदगी से राहत दिलाने में रोबोट हमारी सहायता कर सकता है, विषय पर आईआईटी मद्रास में आयोजित सीएफआई वर्कशॉप में भिन्न-भिन्न ट्रेड के 270 विद्यार्थी शामिल हुए। वहीं पर विद्यार्थियों के समूह की ओर से बनाए गए 45 रोबोट्स ने यह करिश्मा कर दिखाया। प्रतियोगिता के दौरान रोबोट्स की सहायता से सफाई अभियान चलाया गया। 15 मिनट में 750 वर्ग फुट जमीन की सफाई करने में रोबोट सफल रहा।
रिकॉर्ड दर्ज… वर्कशॉप में रोबोट्स की क्षमता का आकलन करने के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स और इण्डिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स के प्रतिनिधि भी मौके पर उपस्थित थे। जिसमें सबसे तेज सफाई का इसने रिकॉर्ड बनाया।
आरपीएम मोटर से लैस- इस रोबोट के केन्द्र में आरपीएम मोटर का इस्तेमाल किया गया है। इसमें दो रोटेटिंग स्क्रब पैड्स लगाए गए हैं, ताकि धूल कणों को साफ करने में सहायता मिले। इसे चलाने पर फिल्टर के जरिये धूलकणों को रोबोट के सुरंग में जमा किया जाता है। रोबोट्स को एंड्रायड बेस्ड एप्लिकेशन वाले मोबाइल और ब्लूटूथ से नियंत्रित किया जा सकता है। एशिया और इण्डिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स के प्रतिनिधियों ने इसकी तेज क्षमता से साफ करने की काबिलियत के लिए प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी कर दिया। आखिरी सर्टिफिकेट वैज्ञानिक शोध और जांच के बाद दिया जाएगा।
यह है मकसद- आईआईटी मद्रास के विद्यार्थियों का बोलना है कि रोबोट को तैयार करने के पीछे उनका मुख्य मकसद स्वच्छता को बढ़ावा देना है, ताकि केंद्र गवर्नमेंट के स्वच्छता अभियान को स्थायित्व मिल सके और लोगों में साफ सफाई को लेकर जागरुकता अधिक बढ़े। इसका सबसे बड़ा लाभ उन कामकाजी लोगों को मिलेगा, जिनके पास समय नहीं है और इस वजह से वह स्वयं सफाई नहीं कर पाते। ऐसे लोग इसकी सहायता से सरलता से गंदगी की परेशानी का निदान कर सकेंगे। विद्यार्थियों ने यह भी बोला कि हमने रिकॉर्ड के बारे में तो सोचा ही नहीं था। यह सोने पर सुहागा जैसा है।