अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा…
नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केरीवाल ने बुधवार (4 अक्टूबर) को दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा संजय सिंह को अरैस्ट किए जाने के तुरंत बाद उनके आवास का दौरा किया। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 10 घंटे की छापेमारी के बाद राज्यसभा सांसद को अरैस्ट करने के बाद केजरीवाल ने संजय सिंह के पिता, उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की। संजय सिंह के परिवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने केंद्र गवर्नमेंट की निंदा करते हुए बोला कि नरेंद्र मोदी आजादी के बाद से हिंदुस्तान के सबसे करप्ट पीएम हैं।
सीएम केजरीवाल ने बोला कि, “AAP एक कट्टर निष्ठावान पार्टी है। हम सभी जानते हैं कि ईमानदारी की राह मुश्किल है। यदि हम उनकी तरह बेईमान हो जाएं तो हमारी सारी समस्याएं हल हो जाएंगी। इस शराब मुद्दे में 1,000 से अधिक छापे मारे गए हैं और कई लोगों को अरैस्ट किया गया है, लेकिन वे एक पैसा भी बरामद नहीं कर पाए हैं। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी सिर से पैर तक करप्शन में लिप्त हैं। मुझे लगता है कि आजादी के बाद वह (पीएम मोदी) हमारे राष्ट्र के सबसे अधिक करप्ट पीएम हैं।” केजरीवला ने यह भी दावा किया कि विपक्ष के नेतृत्व वाले INDIA गुट के गठन के बाद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी हताश थे।
केजरीवाल ने बोला कि, ‘उन्होंने (ED ऑफिसरों ने) उनके पूरे घर की तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला और उन्हें शाम को अरैस्ट कर लिया गया। चुनाव आ रहे हैं और INDIA गठबंधन के गठन के बाद, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी हताश हैं। वे 2024 तक कई लोगों को अरैस्ट करेंगे। संजय सिंह एक शेर हैं। हम न्यायालय में मुद्दा दाखिल कर रहे हैं।” संजय सिंह सिंह को दिन भर की पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के अनुसार अरैस्ट कर लिया गया। प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों ने आज सुबह नॉर्थ एवेन्यू स्थित उनके आधिकारिक आवास पर छापा मारा और तलाशी ली। सिंह को गुरुवार को दिल्ली की एक क्षेत्रीय न्यायालय में पेश किए जाने की आशा है, जहां प्रवर्तन निदेशालय उनसे हिरासत में पूछताछ की मांग करेगी।
बता दें कि, यह पूरा मुद्दा दिल्ली की शराब नीति से जुड़ा हुआ है, जिसमे आम आदमी पार्टी (AAP) गवर्नमेंट पर कारोबारियों से पैसे (रिश्वत) लेकर उन्हें अनुचित फायदा देने का इल्जाम है। गौर करनी वाली बात ये है कि, जब केजरीवाल गवर्नमेंट ने अपनी नयी शराब नीति लागू की थी, तब उन्होंने इसके कई लाभ गिनाए थे, इसे सर्वश्रेष्ठ नीति कहा था, लेकिन जब पार्टी पर करप्शन के इल्जाम लगे और सीबीआई जांच के आदेश हुए, तो केजरीवाल गवर्नमेंट ने फ़ौरन यु-टर्न मारते हुए अपनी शराब नीति वापस ले ली थी। जिसके बाद से ही प्रश्न उठने प्रारम्भ हो गए थे कि, जब कोई करप्शन नहीं था, तो फिर नीति वापस क्यों ली ? इसके बाद जांच प्रारम्भ हुई, तो कई परतें खुलीं, AAP नेताओं सहित कुछ व्यवसायी भी अरैस्ट हुए, इन्ही में से व्यवसायी दिनेश अरोरा ने ही AAP सांसद संजय सिंह का नाम लिया है।
कभी दिल्ली के डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बहुत करीबी रहे दिनेश अरोड़ा ने प्रवर्तन निदेशालय को दिए अपने बयान में बोला कि वर्ष 2020 में उनके पास संजय सिंह का कॉल आया था। उस समय दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए रेस्टोरेंट मालिकों से पैसा मांगने की बात हुई थी। इसके बाद उनके (दिनेश अरोरा के) ही रेस्टोरेंट में एक पार्टी के दौरान उनकी मुलाकात मनीष सिसोदिया से हुई थी। संजय सिंह के कहने पर ही दिनेश अरोरा ने कई रेस्टोरेंट और बार मालिकों को मनाकर करीब 82 लाख रुपये AAP फंड के तौर पर इकट्ठा कर मनीष सिसोदिया को सौंपे थे। इसके बाद से दिनेश अरोड़ा मनीष सिसोदिया के बहुत करीबी हो गए थे। अब ये दिनेश अरोरा सरकारी गवाह बन गए हैं और उन्होंने ही शराब घोटाले में संजय सिंह का नाम लिया है।