G20 में ‘DPI पर सहमति’ को सराहा, मोदी के नेतृत्व के मुरीद हुए बिल गेट्स
नई दिल्ली। अरबपति टेक मुगल बिल गेट्स (Bill Gates) ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की ओर बढ़ने के लिए जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) की किरदार पर अभूतपूर्व सहमति हासिल करने के लिए पीएम मोदी (PM Narendra Modi) की प्रशंसा की है। गेट्स ने हिंदुस्तान के पीएम मोदी को टैग करते हुए एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया कि ‘G20 सतत विकास लक्ष्यों की ओर एक जरूरी कदम बढ़ाते हुए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की किरदार पर एक अभूतपूर्व सहमति पर पहुंचा। मैं एक सुरक्षित, स्वस्थ और अधिक न्यायपूर्ण दुनिया का समर्थन करने के लिए डीपीआई की क्षमता के बारे में आशावादी हूं। पीएम मोदी को धन्यवाद।’
भारत में हाल ही में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन की नयी दिल्ली घोषणा में ‘डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के सिस्टम के लिए जी20 फ्रेमवर्क’ का स्वागत किया गया। जो डीपीआई के विकास, संचालन और विनियमन के लिए एक स्वैच्छिक रूप से सुझाया गया ढांचा है। यह सेवाओं के वितरण में सामाजिक पैमाने पर डीपीआई की किरदार को स्वीकार करता है। जी-20 नेताओं ने सेवा वितरण और नवाचार के लिए एक सुरक्षित, भरोसेमंद, जवाबदेह और समावेशी डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की अपील की। सीधे शब्दों में कहें तो डीपीआई डिजिटल पहचान, भुगतान के बुनियादी ढांचे और डेटा एक्सचेंज निवारण जैसे ब्लॉक या प्लेटफॉर्म से जुड़ा है। जो राष्ट्रों को अपने लोगों को महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने, नागरिकों को सशक्त बनाने और डिजिटल समावेशन को सक्षम करके जीवन में सुधार करने में सहायता करता है।
The #G20 reached a groundbreaking consensus on the role of digital public infrastructure as a critical accelerator of the Sustainable Development Goals. I’m optimistic about the potential of DPI to support a safer, healthier, and more just world. Kudos to पीएम @narendramodi।…
— Bill Gates (@BillGates) September 11, 2023
इसका एक उदाहरण इण्डिया स्टैक है। जो पहचान प्रणाली आधार के साथ ही यूपीआई और अन्य पेमेंट प्लेटफॉर्म से जुड़ा है। जिसको पूरे विश्व में जोरदार प्रशंसा मिल रही है। डीपीआई टेक्नोलॉजी के सपोर्ट से अंतरसंचालनीय, खुली और समावेशी प्रणाली है। यह जरूरी, समाज-व्यापी, सार्वजनिक और निजी सेवाएं प्रदान करती है। जो समावेशी ढंग से इस डिजिटल बदलावों को तेज करने में बड़ी किरदार निभाती हैं। विश्व बैंक द्वारा तैयार किए गए G20 डॉक्यूमेंट्स के अनुसार हिंदुस्तान ने सिर्फ़ छह वर्ष में वित्तीय समावेशन लक्ष्य हासिल कर लिया है, वरना इसमें कम से कम 47 वर्ष लग जाते। इसने वित्तीय समावेशन के लिए आधार और यूपीआई सहित डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की शक्ति को खोलने में हिंदुस्तान के नजरिये की प्रशंसा की।
‘डीपीआई के जरिये वित्तीय समावेशन और उत्पादकता फायदा को आगे बढ़ाने के लिए जी20 नीति सिफारिशें’ शीर्षक वाले डॉक्यूमेंट्स की प्रस्तावना में बोला गया है कि डीपीआई का असर समावेशी वित्त से परे, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थिरता का समर्थन करने तक जाता है। यह बोला गया कि ‘इंडिया स्टैक डिजिटल आईडी, इंटरऑपरेबल पेमेंट, एक डिजिटल क्रेडेंशियल लेजर और बैंक एकाउंट को जोड़कर इस नजरिये का उदाहरण पेश करता है। सिर्फ़ छह वर्ष में इसने गौरतलब 80 फीसदी वित्तीय समावेशन रेट हासिल की है। यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिसमें डीपीआई नजरिये के बिना लगभग पांच दशक लग जाते।’