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भाजपा बिगाड़ेगी सपा का खेल, ये 8 विधायक बनेंगे बागी

देशभर में आज राज्यसभा के सांसदों के चुनाव हो रहे हैं। इसके जरिए आज 15 राज्यों के 56 राज्यसभा सांसदों का चयन किया जाना है, जिसमें से 12 राज्य ऐसे हैं, जहां पर रिक्त सीटों के बराबर नामांकन पत्र भरे गए थे, जिससे 12 राज्यों में मतदान नहीं होगा। सभी नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों को विजेता घोषित कर दिया जाएगा, जबकि कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में 15 सीटों के लिए कड़ा मुकाबला होने वाला है। इन तीनों राज्यों में कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के साथ टक्कर है, जबकि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला समाजवादी पार्टी के साथ है। इन तीनों राज्यों में क्रॉस वोटिंग की संभावना है, जिसको लेकर इन तीनों राज्यों में राजनीतिक रणनीतिकार अपनी-अपनी रणनीति साधने में जुटे हुए हैं।

जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है यहां पर भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन दलों की भोज पार्टी में सभी नेता व विधयक उपस्थित थे, लेकिन समाजवादी पार्टी के डिनर में आठ विधायक नहीं जा सके, जिसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सपा के कई विधायक पाला बदलने के मूड में दिख रहे हैं।

इन 8 विधायकों पर संदेह
दरअसल सपा ने वोटिंग के पूर्व संध्या पर अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी और उनके लिये डिनर आयोजित किया था, लेकिन उसके 8 विधायक बैठक और डिनर में नहीं शामिल हुए। जिसमें चायल विधायक पूजा पाल, गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह, गोसाईगंज विधायक अभय सिंह, अमेठी विधायक महराजी देवी, कालपी विधायक विनय चतुर्वेदी, ऊंचाहार विधायक मनोज पाण्डेय, सिराथू विधायक पल्लवी पटेल, अम्बेडकर नगर विधायक राकेश पाण्डेय सपा के बैठक और डिनर मे नहीं शामिल होने की चर्चाएं मीडिया में चल रही हैं। हालांकि सपा की ओर से कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गयी है।

आपको याद होगा कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में 8 प्रत्याशी उतारे हैं, जिसमें से सात का राज्यसभा के लिए चुना जाना एकदम तय है, लेकिन आठवें उम्मीदवार को जीतने के लिए भाजपा को समाजवादी पार्टी या अन्य दलों में सेंध लगानी होगी। वहीं सपा अपने तीसरे प्रत्याशी को राज्यसभा में भेजने की जुगाड़ लगा रही है।

आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए सुबह 9 से लेकर शाम 4 बजे तक विधानसभा परिसर के तिलक हाल में मतदान कराया जाएगा। मतदान के लिए कुल 3 बूथ बनाए गए हैं।

ये हैं कंडीडेट
 भाजपा की ओर से सुधांशु त्रिवेदी, आरपीएन सिंह, अमरपाल मौर्य, नवीन जैन, तेजवीर सिंह, संजय सेठ, साधना सिंह और संगीता बलवंत को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि समाजवादी पार्टी की ओर से जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन मैदान में उतारे गए हैं। भाजपा को सभी आठ उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए 296 मतों की आवश्यकता है। फिलहाल उसके पास समर्थित विधायक दलों को मिलाकर 287 वोट हैं। ऐसे में पार्टी को 9 अतिरिक्त वोट चाहिए। इसीलिए वह समाजवादी पार्टी समेत अन्य दलों के विधायकों पर नजर गड़ाए हुए हैं।

वहीं समाजवादी पार्टी को तीन सीटें जीतने के लिए कुछ कल 111 विधायकों के वोट की आवश्यकता है। सपा के पास कांग्रेस के दो विधायक को सहित कुल 108 वोट बताए जा रहे हैं। सपा को तीसरी सीट जीतने के लिए तीन अतिरिक्त वोटों की आवश्यकता है।

सूत्रों में के मुताबिक दोनों दलों के नेता एक दूसरे दल में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए तरह तरह के ऑफर दिए जा रहे हैं।

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के पांच विधायक काफी दिनों से भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में है और इसीलिए अखिलेश यादव के द्वारा बुलाए गए डिनर में सपा के 8 विधायक नहीं पहुंचे, जिससे इस बात को और अधिक बल मिल रहा है। लेकिन सपा के लोगों का कहना है कि भाजपा सहित अन्य दलों के कुछ विधायक उनके तीसरे कंडीडेट को जीत दिला देंगे।

कर्नाटक में भी तलेगा ‘नाटक’
वहीं कर्नाटक में भी राज्यसभा चुनाव में कांटे का मुकाबला है। यहां भी भाजपा-जद(एस) गठबंधन ने अपना दूसरा उम्मीदवार (कुपेंद्र रेड्डी) मैदान में उतारकर मामले को दिलचस्प बना दिया है। हालांकि गठबंधन चार में से केवल एक सीट जीतने की ताकत रखता है।  कर्नाटक में कांग्रेस के पास 134 विधायक जबकि भाजपा के पास 66 और जद (एस) के पास 19 विधायक हैं, जबकि चार अन्य विधायक हैं।

हिमाचल में भी कूटनीतिक चाल
 हिमाचल में कांग्रेस पार्टी ने यहां से अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बनाकर राज्यसभा में भेजने की तैयारी की है। इनको जीत दिलाने के लिए किसी भी पार्टी को 35 वोट की जरूरत होगी, जबकि कांग्रेस के पास 40 विधायकों के साथ तीन निर्दलीय भी साथ दे रहे हैं। ऐसे में हिमाचल में कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। हालांकि, बीजेपी ने यहां हर्ष महाजन को टिकट देकर क्रॉस वोटिंग कराने का जुगाड़ लगाया। हर्ष महाजन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। ऐसे में बीजेपी उम्मीद करेगी कि हर्ष कांग्रेस विधायकों से क्रॉस वोटिंग कराने में सफल होंगे।

अब देखना यह होगा कि किस दल का प्रयास और दावा रंग लाता है। मंगलवार की रात तक इस रहस्य से पर्दा उठ जाएगा और मतगणना के परिणाम घोषित होते ही दोनों दलों की रणनीति की हकीकत सबके सामने आ जाएगी।

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