राष्ट्रीय

बोनसाई पॉलिटिक्स: क्या चुनाव के गुजरात मॉडल की बोनसाई पॉलिटिक्स के शिकार बनेंगे-पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और डॉ. रमन सिंह…

नईदिल्ली राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा को साफ बहुमत मिल गया है, लेकिन तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लेकर रहस्य बरकरार है और इसीलिए बड़ा प्रश्न है कि क्या चुनाव के गुजरात मॉडल की बोनसाई पॉलिटिक्स के शिकार बनेंगे-पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और डाक्टर रमन सिंह? यह प्रश्न इसलिए भी कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान, इन तीनों ही राज्यों में भाजपा ने मुख्यमंत्री फेस के बगैर चुनाव लड़ा था


वर्ष 2014 के बाद से ही इन पूर्व मुख्यमंत्रियों के राजनीतिक कद घटाने के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कोशिश प्रारम्भ हो गए थे, यह बात अलग है कि उनके राजनीतिक कद कम होने के बजाए और बढ़ गए हैं, उनके विरोधी राजनीतिक बौने साबित हो रहे हैं
पीएम नरेंद्र मोदी अपने समय के अपने बराबरी के नेताओं को पसंद नहीं करते हैं और समय आने पर उन्हें राजनीतिक किनारे कर देते हैं, इस समय ज्यादातर ऐसे नेता राजनीतिक संन्यास आश्रम में हैं, सिर्फ़ शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे, डॉ रमन सिंह जैसे कुछ नेता ही बचे हैं?
वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान की सीएम रही हैं, डॉ रमन सिंह तीन बार छत्तीसगढ़ के सीएम रहे हैं, तो शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के चौथी बार सीएम बने, लेकिन अब कठिन लग रहा है!
यदि मोदी-शाह की बोनसाई पॉलिटिक्स के ये तीनों राजनीतिक शिकार बनते हैं, तो 2024 का लोकसभा चुनाव यक्ष-प्रश्न बन जाएगा, शायद यही वजह है कि इन तीनों को राजनीतिक किनारे करने में सियासी उलझन गहराई हुई है
सियासी सयानों का मानना है कि… शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और डॉ रमन सिंह का राजनीतिक भविष्य दांव पर है, यदि इनके नेतृत्व को नकार दिया गया, तो इनके राजनीतिक भविष्य पर पूर्ण विराम लग जाएगा लिहाजा… यह देखना दिलचस्प होगा कि इन तीनों को राजनीतिक किनारे लगा कर मोदी टीम इन तीन राज्यों में कितनी सफलता हासिल करती है

 

Related Articles

Back to top button