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33 फीसद महिला आरक्षण बिल को कैबिनेट ने दे दी मंजूरी

Women Reservation Bill Uttar Pradesh: 33 फीसद स्त्री आरक्षण बिल को सोमवार को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी और आशा है कि यह बिल संसद के दोनों से पारित भी हो जाएगा पिछले 27 सालों से इस बिल को सियासी गतिरोध का सामना करना पड़ा इस बिल के संबंध में कांग्रेस पार्टी ने बोला कि यूपीए 2 के दौरान उनकी तरफ से प्रयास की गई अब समय आ गया है जब मौजूदा गवर्नमेंट निर्णायक निर्णय करे मोदी कैबिनेट के इस 33 फीसद स्त्री आरक्षण बिल का राष्ट्र के सबसे बड़े सूबे पर कैसे असर पड़ेगा उसे समझने की आवश्यकता है

लोकसभा की 26, विधानसभा की 132 सीट पर असर

यूपी की राजनीति स्त्री आरक्षण बिल से किस तरह प्रभावित होगी उससे पहले लोकसभा और विधानसभा की तस्वीर को समझना महत्वपूर्ण है उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट और विधानसभा की 403 सीट है 33 फीसद स्त्री आरक्षण का अर्थ यह होगा कि 26 लोकसभा की सीट स्त्रियों के लिए आरक्षित हो जाएगी वहीं 132 विधानसभा की सीट स्त्रियों के नाम हो जाएगी इसका अर्थ यह है कि किसी भी सूरत में कम से कम 26 महिलाएं राष्ट्र की संसद में उत्तर प्रदेश का अगुवाई करेंगी और 132 महिलाएं विधानसभा का हिस्सा होंगी

33 फीसद स्त्री आरक्षण का असर

  • लोकसभा की 26 सीटें होंगी आरक्षित
  • विधानसभा की 132 सीटें स्त्रियों के लिए होंगी आरक्षित
  • रोटेशन प्रक्रिया के अनुसार आरक्षण की व्यवस्था
  • 33 फीसद में ही स्त्री समाज के भिन्न भिन्न वर्गों को आरक्षण

महिला आरक्षण बिल में क्या खास है
कैबिनेट से पारित 33 फीसद स्त्री आरक्षण बिल में एससी, एसटी, एंग्लो भारतीय के लिए आरक्षण का प्रस्ताव है इसमें यह प्रस्ताव किया गया है कि आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया का पालन किया जाए यदि मौजूदा समय की बात करें तो लोकसभा में स्त्री सांसदों की संख्या 15 फीसद से कम और राज्यों की विधानसभाओं में 10 फीसद से कम हिस्सेदारी हैमौजूदा समय में उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 48 स्त्री विधायक भिन्न भिन्न दलों से अगुवाई कर रही हैं यह कुल 403 सीटों का महज 12 फीसद है इसी तरह विधान परिषद में 6 फीसद हिस्सा है यदि बात लोकसभा की करें तो इस समय कुल 11 स्त्री सांसद हैं जो सभी 80 सीटों का 14 फीसद है

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