राष्ट्रीय

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अकेले चलने की राह पर चुनावी मैदान में उतरे

सचिन पायलट को चुनावी कमेटियों से दूर रहकर सीएम अशोक गहलोत ने दिखा दिया है कि राजस्थान के वही एक छत्र नेता है उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा कांग्रेस पार्टी की टिकटों के वितरण में भी उन्हीं की चलेगी उनके समर्थको को ही टिकट मिलेगी

राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने में अब मात्र दो माह का समय रह गया है सीएम अशोक गहलोत अकेले चलने की राह पर चुनावी मैदान में उतर चुके हैं उन्होंने पूरे चुनाव की कमान अपने हाथों में थाम कर चुनावी व्यूह रचना करने में जुट गयें हैं सीएम गहलोत ने अपने प्रतिद्वंदी सचिन पायलट को चुनावी रणनीति से पूरी तरह दूर कर दिया है चुनाव के लिए गठित कांग्रेस पार्टी पार्टी की किसी भी कमेटी की कमान सचिन पायलट को नहीं दी गई है चुनावी कमेटियों में उन्हें मात्र एक सदस्य के तौर पर ही शामिल किया गया है उनके अधिकतर समर्थकों को भी चुनावी कमेटियों से दूर रखा गया है सचिन पायलट को चुनावी कमेटियों से दूर रहकर सीएम अशोक गहलोत ने दिखा दिया है कि राजस्थान के वही एक छत्र नेता है उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा कांग्रेस पार्टी की टिकटों के वितरण में भी उन्हीं की चलेगी उनके समर्थको को ही टिकट मिलेगी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खऱगे ने पिछले दिनो राजस्थान में चुनावों के लिये कोर कमेटी, कोऑर्डिनेशन कमेटी, चुनाव कम्पेनिंग कमेटी, मेनिफेस्टो कमेटी, स्ट्रेटजी कमेटी, मीडिया एंड कम्युनिकेशन कमेटी, पब्लिसिटी एंड पब्लिकेशन कमेटी और प्रोटोकॉल कमेटी सहित कुल आठ चुनावी कमेटियों का गठन किया था इन कमेटियों में कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमेटी का सदस्य होने के नाते सचिन पायलट को तो शामिल किया गया है मगर उनके समर्थकों को विशेष तवज्जो नहीं मिल पाया है चुनाव में सबसे जरूरी कोर कमेटी का संयोजक कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को बनाया गया है

इस कमेटी में सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस पार्टी कार्य समिति के सदस्य भंवर जितेंद्र सिंह, सचिन पायलट, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, महेंद्रजीत मालवीया, मोहन प्रकाश, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल को शामिल किया गया है इस कमेटी में पायलट को छोड़कर बाकी सभी गहलोत समर्थक को शामिल किया गया है विधानसभा चुनाव के दौरान जरूरी फैसला लेने में कोर कमेटी की जरूरी किरदार होती है इसमें किसी पायलट समर्थन के नहीं आने से पायलट अकेले पड़ गए हैं

इसी तरह दूसरी सबसे जरूरी कोऑर्डिनेशन कमेटी में कुल 26 लोगों को शामिल किया गया है जिसमें सीएम अशोक गहलोत सहित सभी पूर्व कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष, विधायक दल के पूर्व नेता, कांग्रेस पार्टी कार्य समिति के सदस्यों को शामिल किया गया हैं इसमें कई मंत्री और प्रमुख नेताओं को भी स्थान दी गई है इस कमेटी में कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल को भी शामिल किया गया है जिन्होंने पिछले वर्ष 25 सितंबर को कांग्रेस पार्टी पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खऱगे और अजय माकन द्वारा बुलाई गई कांग्रेस पार्टी विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करवाया था धारीवाल को कांग्रेस पार्टी अनुशासन समिति द्वारा उस घटना पर कारण बताओं नोटिस भी दिया गया था जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है उसके उपरांत भी सीएम अशोक गहलोत ने अपने सबसे निकटवर्ती मंत्री शांति धारीवाल को उक्त जरूरी कमेटी में शामिल करवा कर यह बता दिया है कि कांग्रेस पार्टी में वही होगा जो गहलोत चाहेंगे

कैंपेनिंग कमेटी का अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल को बनाया गया है मेघवाल बीकानेर संभाग में गहलोत के कट्टर समर्थक नेता माने जाते हैं पूर्व में वह बीजेपी विधायक और संसदीय सचिव रह चुके हैं उन्होंने कांग्रेस पार्टी टिकट पर 2013 और 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा था जिसमें 2013 में हार गए थे मंत्री बनने से पहले उन्हें प्रदेश कांग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था पहले सचिन पायलट को चुनाव कम्पेनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा थी मगर सीएम अशोक गहलोत ने दलित नेता गोविंदराम मेघवाल का नाम आगे कर पायलट का पत्ता साफ कर दिया

मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी को बनाया गया है इस कमेटी में 21 सदस्यों को शामिल किया गया है कांग्रेस पार्टी कार्यसमिति के सदस्य होने के नाते सचिन पायलट को एक्स ऑफिस मेंबर के रूप में इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है पंजाब के प्रभारी और बाड़मेर से आने वाले जाट नेता हरीश चौधरी को स्ट्रैटेजिक कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है इस कमेटी में कुल 26 लोगों को शामिल किया गया है कैबिनेट मंत्री ममता भूपेश को मीडिया एंड कम्युनिकेशन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है इस कमेटी में 22 लोगों को शामिल किया गया है

मीडिया एंड पब्लीसिटी कमेटी का राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा को अध्यक्ष बनाया गया है इस कमेटी में 21 लोगों को शामिल किया गया है मुरारीलाल मीणा की गिनती कट्टर पायलट समर्थको में होती है दौसा जिले से आने वाले मुरारीलाल मीणा समाज के प्रभावशाली नेता है तथा पायलट के समर्थन में मुखर होकर बात रखते हैं प्रोटोकॉल कमेटी का अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया को बनाया गया है इस कमेटी में 21 सदस्य शामिल है कोटा के सांगोद से विधायक और पूर्व मंत्री भरतसिंह प्रमोद जैन भाया के करप्शन को लेकर अक्सर सीएम को पत्र लिखते रहते हैं हिंदुस्तान सिंह के विरोध के बावजूद प्रमोद जैन भाया को कमेटी का अध्यक्ष बनाकर गहलोत ने भरतसिंह की बोलती बंद कर दी है

हाल ही में गठित की गई आज चुनावी कमेटियों को देखने से पता लगता है कि सीएम अशोक गहलोत ने सभी कमेटियों में अपने विश्वास के नजदीकी लोगों को शामिल करवाया है मुरारीलाल मीणा को छोड़कर बाकी सभी कमेटियों के अध्यक्ष भी गहलोत की पसंद के नेताओं को ही बनाया गया है सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत भी कैंपेनिंग कमेटी के सदस्य बनाये गये है हाल ही में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खऱगे ने भीलवाड़ा में एक बड़े किसान सम्मेलन को संबोधित किया था लेकिन सचिन पायलट वहां भी अनुपस्थित रहे थे कुछ महीने पहले तक बगावती रुख अपनाये हुए सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी आला कमान ने कांग्रेस पार्टी कार्य समिति का सदस्य बनाकर चुनाव तक शांत रहने के लिए तो इंकार लिया था मगर राजस्थान में अशोक गहलोत किसी भी स्थिति में सचिन पायलट को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं उन्हें जहां भी मौका मिलता है वह पायलट के पर कतर देते हैं

कांग्रेस आला कमान के समझाने पर सचिन पायलट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार, शिक्षक भर्ती में घोटाला, पेपर लीक प्रकरण को लेकर युवा वर्ग के पक्ष में पांच दिनों तक अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा निकालने के बाद प्रारम्भ किए गए जन आंदोलन को भी खत्म कर दिया था लेकिन मौजूदा सियासी परिदृश्य से लगता है कि राजस्थान कांग्रेस पार्टी में पायलट को कोई जरूरी किरदार नहीं मिलने वाली है

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का जादूगर बोला जाता है वह कब कौन सी बाजी पलट दे किसी को नहीं पता होता है जब कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने उनका नाम कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के लिये घोषित कर दिया था तब उन्होने अचानक विधायकों से बगावत करवा कर सचिन पायलट के मंसूबों पर पानी फेर दिया था उन्होने कांग्रेस पार्टी आलाकमान के निर्देशों की अवहेलना कर कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के बजाय सीएम ही बने रहना बेहतर माना था अभी सीएम गहलोत जिस तरह से मेहनत कर रहे हैं उससे लगता है कि यदि राजस्थान में फिर से कांग्रेस पार्टी की गवर्नमेंट बनती है तो उनका सीएम बनना तय है

 

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