सिक्किम में बादल फटने से मची बड़ी तबाही,19 लोगों की हुई मौत और 23 जवान समेत 103 लोग लापता
गंगटोक: उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील (Lhonak Lake) पर बादल फटने से बड़ी तबाही मची है। बादल फटने की वजह से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ ने (Sikkim Flood) तबाही मचा दिया है। इसमें अब तक 19 लोगों की मृत्यु हो गई है और 23 जवान समेत 103 लोग लापता हैं। हालांकि ये तबाही आने से रोका जा सकता था यदि वर्षों पहले दी गई चेतावनी को गंभीरता से लिया गया होता।
सालों से ल्होनक झील टूटने की संभावना थी। कई वैज्ञानिक अध्ययन और अभियान ने इस तबाही की अशंका जताई थी। गवर्नमेंट और गैर-सरकारी एजेंसियों के अध्ययनों में हिमनद झील टूटने से आई बाढ़ (GLOF) में बड़ी संख्या में लोगों के मृत्यु और हानि की संभावना भी जताई गई थी।
एल्सवीयर ने समझाया
साल 2021 में एल्सवीयर जर्नल में प्रकाशित शोध ने बिल्कुल विस्तार से ल्होनक झील में आ रहे बदलावों को समझाया गया था। उसमें कहा गया कि वर्ष 1962 से 2008 तक 46 वर्ष में दक्षिण ल्होनक हिमनद 2 किलोमीटर घट गया, वहीं 2008 से 2019 के बीच यह 400 मीटर और घटा। उसका सारा पानी और मलबा ल्होनक झील में पहुंचा। आंकड़ों ने साफ कर दिया कि जीओएलएफ का खतरा है।
सरकारी रिपोर्ट ने भी चेताया था
2016 में गवर्नमेंट के विज्ञान और तकनीकी विभाग ने एनजीओ की सहायता से तैयार की रिपोर्ट में झील से आपदा की संभावना जताई थी। सरकारी कॉलेज के सहायक प्रो। दिल्लीराम दहल बताते हैं कि इसके बाद गवर्नमेंट ने झील में पाइप लगाकर पानी को नियंत्रित ढंग से निकालने का व्यवस्था किया, लेकिन यह तबाही रोकने में नाकाफी रहा।
#WATCH सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में लापता इंडियन आर्मी के जवानों की तलाश जारी है। इस बीच, इंडियन आर्मी उत्तरी सिक्किम में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को भोजन, चिकित्सा सहायता और संचार सुविधाओं के विस्तार में सहायता प्रदान कर रही है: PRO डिफेंस, गुवाहाटी
(वीडियो: PRO डिफेंस,… pic.twitter.com/7oX4vJh18g
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 6, 2023
ISRO ने जताई थी आशंका
साल 2012 में रिमोट सेंसिंग सेंटर के साथ मिलकर हिंदुस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चेताया था कि मोरेन यानी हिमनद से निकले मिट्टी-पत्थर के बांध से बनी दक्षिण ल्होनक झील में एक नोक बन गई है, यह घातक साबित हो सकती है। आंकड़ा देकर बोला था कि यहां से बाढ़ की संभावना 42 फीसदी है और झील की नोक टूटी तो 586 घनमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पानी बहेगा।
सिक्किम का मंजर :
ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में बुधवार को आई बाढ़ ने उत्तरी सिक्किम में भारी तबाही मचाई। इसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 पहुंच गई है, जबकि 103 लोग अब भी लापता हैं। बाढ़ से राज्य में 11 पुल बह गए। इसमें अकेले मंगन जिले के आठ पुल भी शामिल हैं। वहीं, नामचि में दो और गंगटोक में एक पुल बह गया।
277 घर क्षतिग्रस्त
राज्य के चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवर लाइनें और कच्चे एवं पक्के 277 घर क्षतिग्रस्त हो गए। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SSDMA) ने कहा कि पाकयोंग में 59 लोग, गंगटोक से 22, मंगन से 16 और नामचि से पांच लोग लापता हैं। SSDMA ने कहा कि इस दौरान कुल 26 लोग घायल हुए हैं।
निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़
उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में जल जमा हो गया जो चुंगथांग बांध की ओर बह निकला। जल के तेज बहाव ने बिजली संयंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया और निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई।