चुनावों के दौरान धार्मिक स्थलों में ना जाएं पार्टी के बड़े नेता

राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर जारी है। जिसमें पार्टी के तमाम बड़े और छोटे नेता हिस्सा ले रहे हैं। अब इस शिविर में मांग की गई है कि चुनावों के समय पार्टी नेतृत्व मंदिर, मस्जिद, चर्च या दूसरे धार्मिक स्थलों में ना घूमें। चिंतन शिविर में उपस्थित कुछ सदस्यों ने ये प्रस्ताव रखते हुए बोला है कि ऐसा करने से कांग्रेस पार्टी के वोटर भ्रमित होते हैं और इससे ठीक संदेश नहीं जाता।
धर्मनिरपेक्षता को लेकर भी स्टैंड लेने की बात
यही नहीं, इस प्रस्ताव में इस बात पर भी जोर दिया गया कि कांग्रेस पार्टी को भाजपा के सामने एक मजबूत धर्मनिरपेक्ष स्टैंड लेना चाहिए। बता दें कि भाजपा के धार्मिक सियासी रुख को देखते हुए पिछले कुछ वर्षों में हुए चुनावों में अक्सर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भिन्न-भिन्न धार्मिक स्थलों पर जाकर दर्शन करते देखा गया है। माना जाता है कि इसके पीछे कांग्रेस पार्टी की सोची समझी रणनीति थी, लेकिन चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो कांग्रेस पार्टी को इसका कोई लाभ नहीं हुआ।
सोनिया गांधी ने ली थी बैठक
इससे पहले कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के चिंतन शिविर के दूसरे दिन पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों, प्रदेश इकाई के अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। सूत्रों का बोलना है कि इस बैठक में, चिंतन शिविर में विभिन्न विषयों पर हुई अब तक की चर्चा और संगठन को मजबूत बनाने को लेकर मंथन किया गया। इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, संगठन महासचिव के।सी। वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और कई अन्य नेता उपस्थित थे।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी के इस चिंतन शिविर के पहले दिन शुक्रवार को सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन की पैरवी करते हुए बोला था कि असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण ढंग से किया जाता है