कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कस ली अपनी कमर
ओबीसी वोट बैंक के बीच बीजेपी की स्थिति काफी मजबूत है जिसे कांग्रेस पार्टी कमजोर की प्रयास कर रही है। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी आरक्षण का मामला उठाना चाहती है ताकि बाजी को पलट सके। यही नहीं कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमेटी ने यह भी मांग की है कि संसद का जो विशेष सत्र 18 सितंबर से आयोजित होने वाला है।
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपनी कमर कली है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी पार्टी पूरी ढंग से तैयार है। इण्डिया गठबंधन बनाने के बाद अब कांग्रेस पार्टी पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए रणनीति भी बनानी प्रारम्भ कर दी है। कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी ने इसी मामले पर चर्चा की है।
जानकारी की अनुसार मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद हैदराबाद में कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमेटी की बैठक हुई है इस बैठक में पार्टी ने जातिगत जनगणना करवाने पर बल दिया है। इसके अतिरिक्त दलित, आदिवासी और ओबीसी आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की मांग भी पार्टी ने उठाई है। कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमेटी की बैठक में एक प्रस्ताव भी पेश किया गया है जिसमें बोला गया कि सीडब्ल्यूसी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को बढ़ाने की मांग करती है।
इस संबंध में कांग्रेस पार्टी मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने बोला कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार की जनसभा में मांग की थी की जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। उनका बोलना है कि सभी जातियों को संख्या के मुताबिक ही हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। बता दे कि जिन राज्यों में कांग्रेस पार्टी भाजपा को चुनौती दे रही है वहां अल्पसंख्यकों का समर्थन भी पार्टी के साथ है। यही नहीं कांग्रेस पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं। जातीय जनगणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर यदि बात की जाए तो कांग्रेस पार्टी ओबीसी वोट बैंक पर अपना कब्जा जमाने की प्रयास कर सकती है।
बता दें कि ओबीसी वोट बैंक के बीच बीजेपी की स्थिति काफी मजबूत है जिसे कांग्रेस पार्टी कमजोर की प्रयास कर रही है। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी आरक्षण का मामला उठाना चाहती है ताकि बाजी को पलट सके। यही नहीं कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमेटी ने यह भी मांग की है कि संसद का जो विशेष सत्र 18 सितंबर से आयोजित होने वाला है उसमें स्त्री आरक्षण विधेयक को पारित भी किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी ने की खास अपील
इस बैठक के दौरान कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वैचारिक स्पष्टता पर बल दिया है। उन्होंने बोला कि पार्टी नेताओं को बीजेपी के असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के ढंग में नहीं फंसना चाहिए। कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान रखना चाहिए। पवन खेड़ा ने कार्य समिति की पहले दिन (16 सितंबर को) की बैठक में राहुल गांधी के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी ने हम सबसे सपष्ट तौर पर पूछा कि विचारधारा की स्पष्टता आपके मन में है या नहीं। उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी संगठन आधारित पार्टी नहीं है, कांग्रेस पार्टी एक आंदोलन है, जिसके पास संगठन भी है। आंदोलन संगठन को आगे बढ़ाता है, यही कांग्रेस पार्टी और दूसरे दलों में अंतर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने हमें आगाह किया कि हम बीजेपी के जाल में न फंसें।’’
खेड़ा का बोलना था कि बैठक में राहुल गांधी के वक्तव्य के बाद पार्टी नेताओं के मन में विचारधारा को लेकर पूरी तरह स्पष्टता थी। राहुल गांधी ने यह टिप्पणी उस समय की है जब सनातन धर्म को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेताओं की टिप्पणियों से बड़ा टकराव खड़ा हो गया है। सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेताओं ने भी कांग्रेस पार्टी कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में बोला कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें फंसना नहीं चाहिए। सूत्रों ने कहा कि कि राहुल गांधी ने बोला कि नेताओं को सनातन धर्म टकराव में पड़ने के बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं।