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निपाह वायरस की एंट्री से शैक्षणिक संस्थान बंद रखने का किया फैसला

  राष्ट्र में कोविड-19 वायरस के बाद एक बार फिर निपाह वायरस की एंट्री ने हर किसी को सकते में डाल दिया है केरल में निपाह वायरस के मुद्दे मिलने के साथ ही मेडिकल संस्थानों ने चेतावनी जारी करना प्रारम्भ कर दिया है इस बीच भारतीय काउंसिल ऑफि रिसर्च ने कहा है कि निपाह वायरस से मौत रेट 40-70 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से मौत रेट 2 से 3 प्रतिशत है यह कोविड-19 वायरस से होने वाली मौत रेट के मुकाबले काफी अधिक है केरल में अभी निपाह वायरस के 6 मुद्दे सामने आ चुके हैं जिसमें से दो लोगों की मृत्यु हो चुकी है वहीं केरल के कोझिकोड जिले में 24 सितंबर तक सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का निर्णय किया गया है

कोझिकोड पहुंची केंद्रीय टीम
आईसीएमआर के महानिदेशक राजीव बहल ने बोला कि केरल में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी कोशिश जारी हैं उन्होंने कहा, सभी रोगी एक संक्रमित रोगी के संपर्क में हैं विभिन्न क्षेत्रों के जानकारों वाली एक केंद्रीय टीम भी स्थिति का आकलन करने और उपचारात्मक तरीका सुझाने के लिए कोझिकोड जिले में पहुंच गई है आईसीएमआर अधिकारी ने निपाह वायरस की रोकथाम और प्रसार के विरुद्ध उठाए जाने वाले एहतियाती कदमों के बारे में भी जानकारी दी

बार-बार हाथ धोना और फेस मास्क लगाने को कहा
उन्होंने बार-बार हाथ धोने और फेस मास्क पहनने को कहा उन्होंने कहा, “4-5 तरीका हैं, उनमें से कुछ एकदम वैसे ही हैं जैसे कि COVID के विरुद्ध उठाए गए हैं जैसे कि बार-बार हाथ धोना, मास्क लगाना निपाह वायरस के फैलने का सबसे मुख्य कारण है संक्रमित आदमी के संपर्क में आना और उसके बाद अन्य लोगों का दूसरे आदमी के संपर्क में आना, जो संक्रमित से मिल चुका है इससे बचने के लिए अलगाव बहुत महत्वपूर्ण है

संक्रमित फल, चमगादड़ और सूअरों से फैल रहा है वायरस
नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, आईसीएमआर के डीजी राजीव बहल ने बोला कि हिंदुस्तान निपाह वायरस संक्रमण के उपचार के लिए ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक खरीदेगा यह वायरस संक्रमित फल, चमगादड़ों के माध्यम से लोगों और सूअरों जैसे अन्य जानवरों में फैल सकता है यदि लोग किसी संक्रमित जानवर या उसके शरीर के तरल पदार्थ, जैसे लार या मूत्र, के निकट संपर्क में आते हैं तो वे संक्रमित हो सकते हैं एक बार जब यह लोगों में फैल जाता है, तो यह रोग एक आदमी से दूसरे आदमी में फैल सकती है

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